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कुख्यात योगेश भदौड़ा की पत्नी सुमन का कोर्ट में सरेंडर

दो साल पहले कचहरी में हुई नितिन उर्फ गंजा की हत्या में वांछित जिला पंचायत सदस्य और कुख्यात योगेश भदौड़ा की पत्नी सुमन भदौड़ा ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत...

कुख्यात योगेश भदौड़ा की पत्नी सुमन का कोर्ट में सरेंडर
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Sep 2016 10:56 PM
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दो साल पहले कचहरी में हुई नितिन उर्फ गंजा की हत्या में वांछित जिला पंचायत सदस्य और कुख्यात योगेश भदौड़ा की पत्नी सुमन भदौड़ा ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। योगेश भदौड़ा और ऊधम सिंह के बीच गैंगवार छिड़ी होने के बावजूद पुलिस सुमन को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकी। सुरक्षा मुहैया नहीं होने से सुमन को जेल जाने से पहले घंटों सीजेएम कोर्ट में बैठे रहना पड़ा।

पांच सितंबर 2014 को कचहरी में पेशी पर आए नितिन उर्फ गंजा निवासी वाजिदपुर की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। वह ऊधम सिंह का शूटर था। नितिन ट्रिपल मर्डर का गवाह था और योगेश भदौड़ा के खिलाफ गवाही देने आया था। कचहरी परिसर में भदौड़ा गैंग ने उसकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने योगेश भदौड़ा सहित दर्जनभर बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

योगेश की पत्नी सुमन भदौड़ा तभी से इस मामले में वांछित चल रही थी। बाद में वादी और गवाहों ने सुमन के पक्ष में शपथ पत्र भी दाखिल कर दिए थे। माना जा रहा था कि सुमन का नाम इस केस से निकाल दिया जाएगा। मगर इस हत्याकांड में पुलिस की ओर से जो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हुई है, उसमें सुमन भदौड़ा का भी नाम आरोपियों में शामिल था।
 
बुधवार को सुमन ने अपने अधिवक्ता हरेंद्र सिंह और धीरज सिंह के जरिये सीजेएम कोर्ट में सरेंडर अर्जी दाखिल की। अर्जी देने के कुछ घंटे बाद ही सुमन भदौड़ा ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहां से सुमन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

वादा तो टूट जाता है...
नितिन उर्फ गंजा की हत्या में वांछित रहते हुए भी सुमन भदौड़ा ने जिला पंचायत के वार्ड-16 से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में सीमा प्रधान के पक्ष में वोट देने पर सपा नेता अतुल प्रधान ने सुमन का नाम केस से हटवाने का वादा किया था। इसी वायदे पर सुमन ने सीमा के पक्ष में वोट  दिया था। खुद सीमा प्रधान, सुमन का हाथ पकड़कर उन्हें अपने साथ कलक्ट्रेट के भीतर ले गई थीं। डीएम, एसपी सिटी के सामने वांछित सुमन ने सीमा के पक्ष में वोट दिया था। सुमन को पूरी उम्मीद थी कि सपा नेता के पैरवी करने से उसका नाम केस से हट जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट में पेश की चार्जशीट में पुलिस ने सुमन को भी हत्यारोपी माना है।

वाहन के लिए एक घंटा इंतजार
सीजेएम ने सरेंडर अर्जी मंजूर करते हुए हत्यारोपी सुमन भदौड़ा को जेल भेजने का निर्देश दिया। नियमानुसार कोर्ट से सभी अभियुक्तों को पहले कचहरी हवालात ले जाया जाता है। उसके बाद वहां से सभी अभियुक्त एक वाहन में कोर्ट भेजे जाते हैं। सुमन के अधिवक्ता ने गैंगवार की आशंका जताते हुए सुमन को तत्काल जेल भेजने की गुजारिश की। सिविल लाइन पुलिस और पुलिस लाइन आरआई को वाहन भेजने के निर्देश दिए गए। मगर एक घंटे तक भी सिविल लाइन पुलिस नहीं पहुंची। करीब सवा एक बजे सिविल लाइन थाने से सिपाही पहुंचे। इसके बाद सुमन को जेल भेजा जा सका।

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