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मोदी के मन में समा गए काशी के क्षितिज और सोनम

काशी के दो मेधावी बच्चे रविवार को अचानक सेलीब्रेटी बन गए। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में दोनों बाल प्रतिभाओं की चर्चा की। केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में कक्षा सात...

मोदी के मन में समा गए काशी के क्षितिज और सोनम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 20 Sep 2015 10:40 PM
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काशी के दो मेधावी बच्चे रविवार को अचानक सेलीब्रेटी बन गए। रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में दोनों बाल प्रतिभाओं की चर्चा की।

केंद्रीय विद्यालय बीएचयू में कक्षा सात के छात्र क्षितिज पांडेय और सुंदरपुर की 10 वर्षीय सोनम पटेल से पीएम की 18 सितंबर को बनारस यात्रा के दौरान मुलाकात हुई थी। मन की बात में चर्चा सुनने के बाद दोनों के घर बधाइयां देने वालों का तांता लग गया।

मोदी ने क्षितिज एवं सोनम की प्रतिभा की तारीफ करते हुए कहा कि दोनों भविष्य के बारे में सोचते हैं। सोनम की उन्होंने विशेष तारीफ की। डीरेका गेस्ट हाउस में मुलाकात के दौरान क्षितिज पांडेय ने ऊर्जा संरक्षण, रोबोट एवं सुदर्शन चक्र जैसे अपने कई मॉडलों के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी थी।

क्षितिज के अनुसार जब वह प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचा तो उसके मन में झिझक थी। मगर प्रधानमंत्री से बातचीत शुरू होने के बाद वह सहज हो गया। उसने ध्वनि से ऊर्जा पैदा करने वाले मॉडल के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए कहा था कि इससे भविष्य में ऊर्जा की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं।

इसके अलावा 'डेथ रे' नामक एक ऐसे हथियार की चर्चा की जो श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र की संकल्पना पर आधारित है। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेब को एक स्थान पर एकत्रित कर दिया जाता है और वह घातक हथियार बन सकता है। इसे बनाने का विचार उसे तब आया जब पाकिस्तान सेना के प्रमुख ने भारत पर परमाणु हमला करने की चेतावनी दी थी।

क्षितिज के मुताबिक वह एक रोबोट के प्रोजेक्ट पर भी काम रहा है। उसका मॉडल पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम को दिया था। इस पर अहमदाबाद की एक संस्था काम कर रही है। इस सिलसिले में वह 14 अक्तूबर को अहमदाबाद जाएगा। इस रोबोट में वे सभी गुण होंगे जो एक मानव में होते हैं।  इस प्रोजेक्ट का नाम 'रोबोट विद फीलिंग' है। इसके अलावा उसने 'वायुदूत' के नाम से एक मॉडल बनाया है। यह तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। उसने इस मॉडल को आरडीएसओ (लखनऊ) को सौंपा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने भी उस मॉडल को सराहा है।

आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार की सुंदरपुर की 10 वर्षीय सोनम पटेल को  गीता  के 18 अध्यायों के सभी श्लोक याद हैं। वह कभी विद्यालय नहीं गई। उसके पिता सदानंदबृज पटेल घर पर उसे ट्यूशन पढ़ाते हैं। उसकी स्मरण शक्ति काफी तेज है। आंख बंद करते ही उसे श्लोक याद आने लगते हैं। वह लोगों को उसका अर्थ भी समझाती है और अंग्रेजी में अनुवाद भी करती है। मोदी को भी उसने अपनी इस प्रतिभा से अचंभित कर दिया था। सोनम की इच्छा है कि पूरे विश्व में भगवद्गीता का प्रचार करे। पिता संदानंद बताते हैं कि वह बड़ी कक्षाओं के विभिन्न विषयों के प्रश्नों को भी हल कर लेती है लेकिन वह उसे अभी ऐसा करने नहीं देते हैं।

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