बारिश से नुकसान जानने घर-घर पहुंच रहे अफसर
बेमौसम बारिश से किसानों को हुई क्षति को देखते हुए शासन की ओर से वाराणसी को आपदाग्रस्थ घोषित किये जाने के बाद प्रशासनिक मशीनरी खासा सक्रिय हो गयी है। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने ब्लाकवार पांच टीमें...
बेमौसम बारिश से किसानों को हुई क्षति को देखते हुए शासन की ओर से वाराणसी को आपदाग्रस्थ घोषित किये जाने के बाद प्रशासनिक मशीनरी खासा सक्रिय हो गयी है। जिलाधिकारी प्रांजल यादव ने ब्लाकवार पांच टीमें बनाकर गांवों में घर-घर जाकर सर्वे का निर्देश दिया है। टीम को 15 दिनों में रिपोर्ट देनी है।
इस टीम में लेखपाल, कृषि विभाग के सर्वेयर, ग्राम पंचायत अधिकारी, अमीन एवं ग्राम प्रधान हैं। फिलहाल 192 गांव चिन्हित किए गए हैं जहां 50 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है। एडीएम फाइनेंस महेन्द्र राय का कहना है कि 33 फीसदी तक नुकसान के दायरे में जिले के लगभग सभी किसान मुआवजा की सूची में आ जाएंगे। फिलहाल आकलन के आधार पर केन्द्र व राज्य सरकार से मुआवजा मांगा गया है।
रकबा व गाटा से तय होगा मुआवजा
किसानों को मुआवजा रकबा व गाटा के आधार पर तय होगा। हर किसान को यह बताना होगा कि उसने कितने रकबे और किस गाटा संख्या में गेहूं की फसल बोयी थी। बाकी फसलों की भी ऐसे ही सूची बनेगी।
सिंचित-असिंचित जमीन का अलग-अलग रेट
केन्द्र सरकार ने सिंचित व असिंचित जमीन का मुआवजा अलग-अलग तय किया है। एडीएम फाइनेंस के अनुसार सिंचित जमीन का 13600 एवं असिंचित जमीन का 6800 प्रति हेक्टेयर मुआवजा केन्द्र ने देने को कहा है। उसी आधार पर 23 करोड़ की मांग केन्द्र से की गई है। जबकि राज्य सरकार की ओर से कितना मुआवजा मिलना है इसका शासनादेश आना बाकी है।
15 दिन चलेगा सर्वे
सर्वे अभी 15 दिन चलेगा क्योंकि हर गांव में घर-घर जाकर सर्वे होना है। राजातालाब तहसील की अपर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे का कहना है कि आराजी लाइन ब्लाक के 46 गांवों में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। पहले यहीं सर्वे किया जा रहा है।
फसली बीमा की सूची मांगी
जिलाधिकारी ने बैंक और बीमा कंपनियों के साथ बैठक कर उन किसानों की सूची मांगी है जिन्होंने फसली बीमा कराया है। उन्होंने निर्देश दिया कि रिपोर्ट तीन दिनों में दे दी जाए जिससे उन किसानों की क्षति का आकलन कर उनके खातों में पैसा भेजा जा सके।
मुआवजा वितरण न हो गड़बड़ी
सूबे के राजस्व मंत्री शिवपाल यादव ने वीडियो कांन्फ्रेंसिंग कर अफसरों को निर्देश दिया है कि मुआवजा राशि वितरण में कोई गड़बड़ी न हो। उन्होंने इसकी देखरेख की जिम्मेदारी डीएम को सौंपी है।