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प्रमोशन पर विभागीय और सीधी भर्ती कर्मियों में ठनी

वरिष्ठता सूची के बाद अब प्रमोशन को लेकर सचिवालय के विभागीय और सीधी भर्ती कर्मचारियों के बीच ठन गई है। सचिवालय प्रशासन की पहल पर शासन ने डीपीसी की बैठक करके मंगलवार को सचिवालय के 144 क्लास वन...

प्रमोशन पर विभागीय और सीधी भर्ती कर्मियों में ठनी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 01 Sep 2016 01:16 AM
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वरिष्ठता सूची के बाद अब प्रमोशन को लेकर सचिवालय के विभागीय और सीधी भर्ती कर्मचारियों के बीच ठन गई है। सचिवालय प्रशासन की पहल पर शासन ने डीपीसी की बैठक करके मंगलवार को सचिवालय के 144 क्लास वन अधिकारियों को प्रमोशन देने का फैसला किया है। इस फैसले का जहां सीधी भर्ती कर्मचारी स्वागत कर रहे हैं, वहीं विभागीय कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है।

सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र और सचिव ओंकार तिवारी का कहना है कि विवादित वरिष्ठता सूची के आधार पर प्रमोशन करना गलत है। जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 नवंबर 2016 तय है। इसके बावजूद प्रमोशन करना सचिवालय प्रशासन और और ऊपर के अधिकारियों  की मनमानी है।

संघ के नेताओं का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, सेवा और वरिष्ठता नियमावली के नियमों के विपरीत तथा कैबिनेट के फैसले को नजरंदाज करते हुए समीक्षा अधिकारी संवर्ग की वरिष्ठता सूची बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने तीस अगस्त 2016 को सुनवाई के दौरान वरिष्ठता संबंधी सभी मामलों (समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी संवर्ग के वरिष्ठता प्रकरणों) को एकीकृत करते हुए सुनने के आदेश दिए हैं।

सचिवालय संघ के वकीलों का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 जनवरी 1997 को पूर्व में दिए गए फैसले को संज्ञान में लेते हुए सभी पहलुओं पर विचारकर फैसला करने से कोई भी बड़ा उलटफेर हो सकता है। यहां तक कि सीधी भर्ती के प्रमोशन पाने वाले अधिकारी भारी संख्या में पदावनत हो सकते हैं।

जबकि सचिवालय राजपत्रित अधिकारी संघ के अध्यक्ष शिवगोपाल सिंह का कहना है कि सचिवालय के अधिकारियों को प्रमोशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का अभी तक कोई स्थगनादेश नहीं है। यह सही है कि मामला लंबित है। लेकिन प्रमोशन के आदेश में यह लिखा जाता है कि यह आदेश फलां कोर्ट में लंबित रिट याचिका के आदेश के अधीन होगा।

सीधी भर्ती सेवा संघ के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शशिकांत शुक्ला और महासचिव अभयरंजन सिंह भी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का कोई स्टे नहीं है। उनका कहना है कि बुधवार को हुई सेक्शन अफसरों की डीपीसी की बैठक के जरिए विभागीय कर्मचारी भी बड़ी संख्या में प्रमोट हो रहे हैं। इसलिए विभागीय कर्मियों को प्रमोशन का विरोध नहीं करना चाहिए।
 
 

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