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Hindi Newsसरयू संगम के तट पर डाला 84 कोसी परिक्रमार्थियों ने डेरा

सरयू संगम के तट पर डाला 84 कोसी परिक्रमार्थियों ने डेरा

अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा गुरुवार को गोंडा के सूकरखेत स्थित सरयू संगम त्रिमुहानी तट के गुरु नरहरि दास आश्रम पर पहुंच गई है। स्थानीय ग्रामीणों समेत सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के पूर्व...

सरयू संगम के तट पर डाला 84 कोसी परिक्रमार्थियों ने डेरा
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 27 Apr 2017 10:41 PM
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अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा गुरुवार को गोंडा के सूकरखेत स्थित सरयू संगम त्रिमुहानी तट के गुरु नरहरि दास आश्रम पर पहुंच गई है। स्थानीय ग्रामीणों समेत सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के पूर्व प्रबन्धक सुरेंद्र सिंह व परसपुर थाना एसओ देवेन्द्र पाण्डेय ने साधु संतों की अगुवाई किया। सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के आरएम आशुतोष चोपड़ा, धीरेंद्र कुमार, सर्वेश तिवारी ने संतो के भोजन भण्डारे का आयोजन किया।अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा में हजारों की संख्या में शामिल साधु संतों ने सरयू संगम में स्नान ध्यान किया।

परिक्रमार्थियों के उद्घोष सन्त भगवान की जय,वाराह भगवान की जय,सरयू मैया के गगनभेदी जयकारे से सम्पूर्ण सूकरखेत गुंजायमान हो उठा।संतो ने वाराह भगवान मंदिर व गुरु नरहरि आश्रम का दर्शन, पूजा पाठ किया।परिक्रमा यात्रा का नेतृत्व कर रहे महंथ गयादास ने बताया कि परिक्रमा मार्ग काफी जर्जर है।

तुलसी के गुरू के आश्रम में संत: श्रीराम चरित मानस के रचनाकार महाकवि तुलसी दास के गुरु नरहरि आश्रम के पीपल के छाँव में साधु संतों ने पड़ाव डाला।ब्लाककर्मी,पवन कुमार ग्राम सचिव,दुर्गा प्रसाद मौर्य सफाई कर्मी मौजूद रहे हैं। बृंदावन खैरा में रात्रि विश्राम के बाद शुक्रवार की सुबह परिक्रमा यात्रा तिवारी बाजार, शिव मंदिर व बखरिहा गांव को साधु संत रवाना होंगे।

ये है महात्म:अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा के महात्म के बारे में महंथ गयादास ने बताया कि -यानि कानि च पापानि जन्मान्तर कृतानि च।तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणम पदे- पदे। अर्थात जिस प्रकार भगवत प्रदक्षिणा से जन्म जन्मान्तर के किये हुए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।उसी प्रकार धमाधि पति अवधधाम की जो प्राणी मनसा,वाचा, कर्मणा से एक बार भी चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा में सम्मलित होता है,तो उसका पुनर्जन्म नही होता है।उसे मोक्ष प्राप्त होने की मान्यता है।

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