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अब मार्कशीट लेने नहीं आना होगा विवि, आधार से होगा लिंक

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) राष्ट्रीय स्तर का एकेडमिक सर्टिफिकेट डाटाबेस बनाने जा रहा है। इसमें हर छात्र का स्कूल से लेकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी सहित प्रोफेशनल कोर्स के सर्टिफिकेट रखे जाएंगे।...

अब मार्कशीट लेने नहीं आना होगा विवि, आधार से होगा लिंक
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 14 Sep 2016 08:14 AM
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) राष्ट्रीय स्तर का एकेडमिक सर्टिफिकेट डाटाबेस बनाने जा रहा है। इसमें हर छात्र का स्कूल से लेकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी सहित प्रोफेशनल कोर्स के सर्टिफिकेट रखे जाएंगे। नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (नैड) योजना के तहत यह काम होगा। दो एजेंसी एनएसडीएल और सीडीएसएल राष्ट्रीय डाटाबेस सिस्टम से वेरीफिकेशन और एकेडमिक रिकार्ड के संचालन का देखेंगी। एकीकृत डाटाबेस से फर्जी सर्टिफकेट का खेल खत्म हो जाएगा। यही नहीं अब छात्रों को प्रमाणपत्र साथ लाने व ले जाने की झंझट भी नहीं होगी।   

पिछले दिनों नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (नैड) को लेकर कार्यशाला में रुहेलखंड विश्वविद्यालय सहित देश के तमाम विवि के प्रतिनिधि शामिल हुए। ट्रेनिंग में शामिल हुए विवि के डिप्टी रजिस्ट्रार वीके मौर्या ने बताया कि एकेडमिक सर्टिफिकेट डाटाबेस को 2017-18 यानि कि अगले सत्र से डाटा अपलोड कर दिया जाएगा। स्कीम के तहत एजेंसी विवि से मार्कशीट, डिग्री, ट्रांसस्क्रिप्ट, प्रोविनल मार्कशीट सहित सभी एकेडमिक सर्टिफकेट का प्रोफार्मा लेगी। विवि केवल डाटा उपलबध कराएगा। 

मार्कशीट संस्था के प्रमुख के डिजिटल सिग्नेचर से तैयार होगी। प्रोग्रामर नवीन गुप्ता ने बताया कि इसके बाद छात्रों को विवि आने की जरूरत नहीं होगी। छात्रों का आधार कार्ड होना जरूरी है। इसके जरिए हाईस्कूल से लेकर हायर एजुकेशन तक अपने सभी सर्टिफिकेट यूआईडी के जरिए मिल जाएंगे। संस्थाएं रिजल्ट में रोलनंबर के साथ यूआईडी भी भेजेगी। इस व्यवस्था से फर्जी सर्टिफिकेट पर रोक लगेगी। साथ ही अलग विवि से रेगुलर कोर्स करने का खेल भी पकड़ा जाएगा। ऑनलाइन डाटाबेस इस गड़बड़ी को पकड़ कर अलर्ट जारी कर देगा।

जाएगी वेरीफिकेशन की मेल
नियोक्ता ज्वाइनिंग से पहले कर्मचारी का पूरा एकेडमिक रिकार्ड देखना चाहेगा तो इंप्लाई के यूआईडी नंबर डालकर वे सिस्टम सर्टिफिकेट चेक करने की अनुमति छात्र से मांगेंगे। कर्मचारी या छात्र की ईमेल आईडी पर वेरीफिकेशन लिंक जाएगा। इसे वेरीफाई करने के बाद नियोक्ता को सर्टिफिकेट देखने को अधिकार मिल जाएगा और वह वेरीफाई कर सकेगा। 

पेपर लेस हो जाएगा पूरा काम
रुहेलखंड विवि हर साल करीब 8 लाख मार्कशीटें छापता है। इससे करोड़ों रुपये के कागज की बर्बादी होती है। एकेडमिक सर्टिफिकेट डाटाबेस बनने के बाद मार्कशीट का काम पेपरलेस हो जाएगा। परीक्षा के बाद रिजल्ट डाटाबेस पर अपलोड कर दिया जाएगा। कंप्यूटर सेंटर प्रभारी नवीन गुप्ता ने बताया विश्वविद्यालय मार्कशीट, सर्टिफकेट, ट्रांस स्क्रिप्ट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट सभी डाटाबेस में रखे जाएंगे।  

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