बदल रहा है रेलवे, महज नौ घंटे में बना डाला अंडरपास
रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर बिहार बार्डर के करीब इंगुरी मानव रहित ढाले की जगह रविवार को अंडरपास बना दिया गया। एक दर्जन इंजीनियर और दो सौ कर्मचारियों की फौज ने नौ घंटे में काम को अंजाम दिया।...
रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर बिहार बार्डर के करीब इंगुरी मानव रहित ढाले की जगह रविवार को अंडरपास बना दिया गया। एक दर्जन इंजीनियर और दो सौ कर्मचारियों की फौज ने नौ घंटे में काम को अंजाम दिया। इसमें भारी भरकम मशीनों का इस्तेमाल हुआ। काम खत्म होने पर डीआरएम ने नारियल तोड़कर रेल संचलन शुरू कराया। निर्माण को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण दिन भर जमे रहे। इस दौरान लंबी दूरी की चार ट्रेनें दूसरे रास्ते से चलाई गईं और चार सवारी गाड़ियां निरस्त रहीं।
पुल बनाने का काम रेलवे के वरिष्ठ इंजीनिरों की देख रेख में 9:40 बजे शुjt हुआ। तकनीशियनों ने पहले रेल ट्रैक को काटकर अलग कर दिया। इसके बाद जेसीबी मशीन से निर्माण वाली जगह पर रेल ट्रैक को खोद कर मिट्टी हटाई गई। दूसरी मशीन ने लेवलिंग किया। फिर अंडरपास के ढांचे को भारी क्रेन के सहारे रेडिमेड उठाकर ट्रैक वाली जगह पर रखकर फिक्स किया गया। ब्रिज को फिक्स कर उस पर स्लीपर लगाकर रेल ट्रैक बिछाया गया। काम पूरा कराने को इंजीनियरों की टीम जुटी रही। इस बीच दोपहर 12 बजे डीआरएम एसके कश्यप भी पहुंच गए। देर शाम करीब साढ़े छह बजे रेल ट्रैक को जोड़कर खाली इंजन को पुल से गुजार कर टेस्टिंग की गई। डीआरएम ने नारियल तोड़कर अंडरपास के शुभारंभ की घोषणा की। वैशाली एक्सप्रेस के सकुशल गुजरने के बाद डीआरएम वापस चले गए।