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नोटबंदी में हजारों की पिला दी उधार की चाय

नोट बंदी के बाद जहां बड़े कारोबारियों पर फर्क पड़ा है। वहीं चाय वाले, ठेलेवाले, पानवाड़ी सभी परेशान हैं। चाय वालों की स्थिति इस नोट बंदी में सबसे ज्यादा खराब है। एक-एक दुकानदार की हजारों की उधारी हो गई...

नोटबंदी में हजारों की पिला दी उधार की चाय
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 09 Dec 2016 09:27 AM
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नोट बंदी के बाद जहां बड़े कारोबारियों पर फर्क पड़ा है। वहीं चाय वाले, ठेलेवाले, पानवाड़ी सभी परेशान हैं। चाय वालों की स्थिति इस नोट बंदी में सबसे ज्यादा खराब है। एक-एक दुकानदार की हजारों की उधारी हो गई है। भुगतान के नाम पर इनको ग्राहक चेक पकड़ा रहे हैं। इनको कैश कराने के लिए इनको पहले खाते खुलवाने फिर रुपए निकालने के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

वन विभाग रोड पर चाय की दुकान चलाने वाले महेश बताते हैं कि नोट बंदी के बाद शुरूआती दिनों में लोग चाय पीने के बाद पांच सौ और एक हजार के नोट देने की कोशिश करते रहे। लेकिन जब इन लोगों से बड़े नोट लेने से मना किया तो उन्होंने रुपए खाते में लिखवा दिए। जेब में जितने भी बड़े नोट थे उनको ही बदलने में आठ 10 दिन लग गए। ऐसे में बड़े नोट लेना ठीक नहीं था। अब लोग उधारी चुकाने के लिए चेक पकड़ा रहे हैं। मगर बैंक में खाता नहीं है,ऐसे में इन चेकों को कहां से कैश कराएं। जिला अस्पताल रोड पर चाय की दुकान चलाने वाले रवि बताते हैं कि अस्पताल पहुंचने वाले अधिकांश तीमारदारों के पास पांच सौ और एक हजार के नोट होते हैं।

मजबूरन इनको चाय उधारी या फिर कम रेट पर देनी पड़ती है। आस पास के दुकानदारों और ठेले वालों पर भी चाय की उधारी काफी हो गई है। महीने की शुरूआत में इनसे रुपए मिल जाते थे,लेकिन पिछले महीने का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। 40 फीसदी नीचे गया कारोबारनोट बंदी के बाद बड़े व्यापारियों की भी हालत खराब है। सहालग सीजन में कारोबार 40 फीसदी नीचे चला गया है। कपड़ा, सराफा, इलेक्ट्रानिक बाजार एक दम चौपट पड़ा है। व्यापारियों का कहना है कि छोटे नोट न होने की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं। चेक से पेमेंट लेने पर व्यापारियों को इसके कैश कराने में दिक्कत आ रही है। आठ से 10 दिन में चेक क्लियर हो पा रहा है।

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