बीएचयू ट्रामा सेंटर में बवाल के बाद हॉस्टल में घुसी पुलिस, सघन तलाशी
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में बुधवार की रात बवाल के बाद गुरुवार की दोपहर पुलिस परिसर में घुसी अौर बिड़ला हॉस्टल के तीनो विंग में गहन तलाशी ली गई। हॉस्टल के छात्रों को बाहर लॉन में इकट्ठा करके सबके परिचय...
बीएचयू के ट्रामा सेंटर में बुधवार की रात बवाल के बाद गुरुवार की दोपहर पुलिस परिसर में घुसी अौर बिड़ला हॉस्टल के तीनो विंग में गहन तलाशी ली गई। हॉस्टल के छात्रों को बाहर लॉन में इकट्ठा करके सबके परिचय पत्र और मोबाइल फोन की जांच की गयी। इसके बाद सभी कमरों को बारी-बारी से खंगाला गया।
बीएचयू के बिड़ला हॉस्टल के तीनो विंग ए, बी और सी में गुरुवार की शाम पुलिस ने गहन तलाशी ली। शुक्रवार की रात हुई हिंसा के बाद यह बड़ा अभियान चला। हॉस्टल के छात्रों को बाहर लॉन में इकट्ठा करके सबके परिचय पत्र और मोबाइल फोन की जांच की गयी। इसके बाद सभी कमरों को बारी-बारी से खंगाला। डेढ़ घंटे तक चले इस अभियान के दौरान छात्रों में खलबली मची रही। विश्वविद्यालय प्रशासन को संदेह है कि इन हॉस्टलों में बाहरी तत्व आकर रुकते हैं और वही कुछ छात्रों को मिलाकर परिसर में वारदातें करते हैं। इनको चिह्नित भी किया गया था पर इनमें से कोई उस वक्त हॉस्टल में नहीं दिखा। तलाशी में पुलिस को कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। अभियान में विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर, डिप्टी चीफ प्रॉक्टर, वार्डेन, प्रशासनिक वार्डेन, समन्वयक भी मौजूद रहे।
रेजिडेंट डाक्टर हड़ताल पर
बीती रात बीएचयू में हुई मारपीट, आगजनी के बाद रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। ट्रामा सेंटर बंद है और सैकड़ों मरीजों को बिना इलाज किए लौटा दिया गया। रेजीडेंट डाक्टरों ने चेतावनी दी कि मारपीट व आगजनी करने वाले छात्रों पर कार्रवाई होने तक काम नहीं करेंगे। डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर बंद कराने के साथ ही मरीजों को बिना इलाज लौटा दिया। डाक्टरों की हड़ताल के चलते दूर दराज से आए मरीजों को भारी परेशानी हुई। दोपहर में रेजीडेंट डाक्टरों ने ओपीडी, इमरजेंसी में सीनियर डाक्टरों को काम करने से रोक दिया। रेजीडेंट डाक्टरों ने मारपीट व आगजनी करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी की मांग की है। फिलहाल बीएचयू प्रशासन रेजीडेंट डाक्टरों को मनाने में जुटा है। जिला प्रशासन ने आरोपित छात्रों की गिरफ्तारी के लिए डाक्टरों से पांच दिन का समय मांगा है।
बीती रात हुआ था बवाल
बीती रात दुर्घटना में घायल छात्र शुभम तेवतिया को साथी छात्र इलाज के लिए ट्रामा सेंटर ले गए थे। इलाज जल्दी शुरू करने की बात पर डाक्टर से नोकझोंक हो गई। बाद में विवाद इतना बढ़ा कि डाक्टरों ने मिलकर छात्रों की पिटाई कर दी। जानकारी पर बड़ी संख्या में छात्र ट्रामा सेंटर पहुंचे और तोड़फोड़ की। छात्रों के गुस्से को देख डाक्टर भाग खडे हुए। गुस्साए छात्रों ने डाक्टरों के धनवंतरि हास्टल पहुंचकर 30 वाहनों को आग लगा दिया। देर तक दोनों पक्षों के बीच तनाव बना रहा।
ट्रामा सेंटर बंद कराया, लौटाए मरीज
घटना के विरोध में सुबह रेजीडेंट डाक्टरों ने ट्रामा सेंटर को बंद करा दिया और नए मरीजों के इलाज से इंकार कर दिया। ट्रामा सेंटर में पहले से भर्ती मरीजों का इलाज सीनियरों के भरोसे छोड़ दिया। दस बजे रेजीडेंट डाक्टरों ने बैठकर कर हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया। डाक्टरों का समूह ओपीडी व इमरजेंसी में बैठे सीनियर डाक्टरों को भी मरीजों का इलाज करने से रोक दिया।
मरीज हलकान, नर्स के बलबूते देखरेख
डाक्टरों के हड़ताल के चलते सैकड़ों मरीजों को निजी नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी दूरदराज से आए मरीजों को हुई। उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। भर्ती मरीजों की देखरेख सीनियर डाक्टर व नर्स कर रहे हैं।