VIDEO: सभी गलियों के हालात पता हैं जल्द दूर किए जाएंगे सारे मर्ज: सिद्धार्थनाथ
नवनिर्वाचित विधायकों और जनता के बीच सीधा संवाद कराने के उद्देश्य से शुरू की गई 'हिन्दुस्तान' के फोन इन कार्यक्रम 'बोलिए विधायक जी' की बारहवीं कड़ी में गुरुवार को इलाहाबाद पश्चिम से...
नवनिर्वाचित विधायकों और जनता के बीच सीधा संवाद कराने के उद्देश्य से शुरू की गई 'हिन्दुस्तान' के फोन इन कार्यक्रम 'बोलिए विधायक जी' की बारहवीं कड़ी में गुरुवार को इलाहाबाद पश्चिम से चुने गये भाजपा विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह शामिल हुए। विधायक और यूपी सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने फोन पर जनता की समस्याएं सुनीं और यथोचित समाधान का आश्वासन दिया। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की हर गली का हाल पता है जल्द दूर होंगे सारे मर्ज।
विधायक का सफरनामा
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के नाती सिद्धार्थनार्थ सिंह ने 20 साल पहले सक्रिय राजनीति में कदम रखा। भाजपा मंडल युवा मोर्चा से राजनीति की शुरुआत की। 2002 में सिद्धार्थनाथ पार्टी के मीडिया कन्वेनर बने। 2006 में भाजपा नेतृत्व ने उनको नगालैंड का पार्टी प्रभारी बनाया। 2008 में वह पार्टी के प्रवक्ता बने। 2011 में पश्चिम बंगाल के पार्टी प्रभारी बने। 2016 में पश्चिम बंगाल के साथ आंध्र प्रदेश के भी पार्टी प्रभारी रहे।
सिद्धार्थनाथ पार्टी के प्रवक्ता बने रहे। 2017 में भाजपा के टिकट पर पश्चिमी से विधायक चुने गए और प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने। सिद्धार्थनाथ के ताऊ चौधरी नौनिहार्ल सिंह 28 साल पहले प्रदेश सरकार में मंत्री थे। सिद्धार्थनाथ के चचेरे भाई चौधरी जितेंद्रनार्थ सिंह इलाहाबाद के महापौर रहे। चचेरे भाई चौधरी राघवेंद्रनार्थ सिंह केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष और भाजपा के सदस्य हैं।
विधायक बोले
इलाहाबाद पश्चिम के हर हिस्से की समस्या पता है। बचपन में गर्मी की छुट्टियां इलाहाबाद में कटती थीं। तब परिवार के साथ घूमता था। देश के किसी कोने में रहे पर इलाहाबाद आना-जाना लगा रहता था। समस्याएं भी पता चलती रहती थीं। चुनाव के दौरान क्षेत्र की एक-एक गली में गया तो समस्याएं भी नजदीक से देखीं। लोग धैर्य रखें, इलाहाबाद पश्चिम की तस्वीर बदलेगी। यहां की सड़कें चकाचक होंगी। शाम को सड़कों पर दुधिया रोशनी की बौछार होगी। पानी की समस्या समाप्त करेंगे।
सवाल-1- सीएचसी में नहीं बैठते डॉक्टर
सामुदायिक केंद्रों में कई साल से डाक्टर नहीं बैठते। पैरा मेडिकल स्टाफ भी नहीं रहता। कबतक इलाज के लिए शहर जाएंगे।
-दिनेश केसरवानी, पनका
जवाब- प्रदेश में डाक्टरों की कमी है। शहरों में पर्याप्त डाक्टर नहीं हैं। लोगों को हर क्षेत्र में इलाज बेहतर देने के लिए सरकार पॉलिसी बना रही है। डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मिलने के बाद सामुदायिक केंद्र में नियमित इलाज होगा। शाम को भी ओपीडी चलेगी।
सवाल-2- गलियों की सफाई नहीं होती
गलियों की सफाई नहीं होती। नालियां साफ नहीं होतीं। शाम से ही मच्छर काटने लगते हैं। फर्ॉंगग नहीं होने से यह समस्या है।
-विशाल श्रीवास्तव, मम्फोर्डगंज
जवाब-सफाई के लिए संबंधित सरकारी विभाग को कहा गया है। सरकार इस साल मच्छरजनित बीमारियों को लेकर गंभीर है। मुख्य चिकित्साधिकारी को एंटी लार्वा छिड़काव को निर्देश दिए गए हैं। जिलाधिकारी सफाई, फर्ॉंगग आदि की निगरानी कर रहे हैं।
सवाल-3- परीक्षाओं में धांधली हुई
हर परीक्षा में धांधली हुई। कई परीक्षाओं पर रोक लगा दी गई है। लोक सेवा आयोग की सभी परीक्षाएं संदेह के घेरे में हैं।
-अमित कुमार, प्रतियोगी छात्र
जवाब- प्रतियोगी छात्रों की पीड़ा से सरकार अवगत है। इन समस्याओं को लेकर मैं खुद प्रतियोगी छात्रों से मिलता रहा। सारी परीक्षाएं नियमित होंगी। परीक्षाओं से संबंधित कई मामलोें की कैबिनेट में चर्चा हुई है। लोक सेवा आयोग की व्यवस्था में जल्द बदलाव होगा।
सवाल-4- फर्जी फार्मासिस्ट काम कर रहे
बाहर से आए फर्जी डिग्रीधारक फार्मासिस्ट काम कर रहे हैं। ये फार्मासिस्ट लोगों के स्वास्थ्य से खेल रहे हैं। इनको कैसे रोकेंगे।
-अरविंद पांडेय, फार्मासिस्ट
जवाब-सरकार स्वास्थ्य नीति बना रही है। फार्मासिस्टों के लिए भी योजना है। स्टेट हेल्थ पॉलिसी में सभी पर लगाम लगेगी। इसमें मानकों के अनुरूप काम लेने की व्यवस्था है। कुछ दिन इंतजार करने की जरूरत है। फर्जी डिग्रीधारकों पर नकेल कसेगी।
सवाल-5- कर्जमाफी की व्यवस्था क्या है
किसानो के कर्जमाफी की क्या व्यवस्था है। सरकार ने घोषणा की पर बैंक माफ करने को तैयार नहीं है। कर्ज कैसे माफ होगा।
-शक्ति चौरसिया, फूलपुर
जवाब-किसानों का सिर्फ फसली कर्ज माफ होगा। अन्य कर्ज माफ करने की व्यवस्था नहीं है। बैंकों के पास आदेश पहुंचेंगे। 2016 के पहले के फसली कर्ज प्रदेश सरकार की घोषणा के मुताबिक माफ होंगे।
सवाल-6- गलत टेक्नीशियन काम कर रहे
स्वास्थ्य सेवा में सैकड़ों गलत टेक्नीशियन काम कर रहे हैं। सरकारी सेवा में ऐसे स्थानों पर टेक्नीशियनों की तैनाती है जहां उनकी जरूरत नहीं है।
-अजय कुमार यादव, टेक्नीशियन
जवाब-प्रदेश की मेडिकल पॉलिसी के दायरे में टेक्नीशियन भी है। गैर जरूरी जगह पर काम कर रहे टेक्नीशियन हटाए जाएंगे। बेरोजगार टेक्नीशियनों को सही जगह तैनाती मिलेगी। रोजगार का विज्ञापन शीघ्र आएगा।
सवाल-7- सड़कें 10 साल से नहीं बनी
सड़कें 10 साल से नहीं बनीं। बेनीगंज क्षेत्र में सड़कें टुकड़ों में बनती हैं। सफाईकर्मी नियमित नहीं आते।
-अशोक श्रीवास्तव, बेनीगंज
जवाब-देखना पड़ेगा कि सड़क किसकी है। सड़क अधूरी क्यों छोड़ी गई। पहले इस तरह का काम चलता था। अब नहीं होगा। कोई भी काम पूरा करना होगा। मानकों का ध्यान रखना होगा।
सवाल-8- कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटें नहीं
एडीए की कालोनियों में स्ट्रीट लाइट नहीं है। सड़कें टूट चुकी हैं। नीमसराय कालोनी में अंधेरा होने से चोरी होती रहती है।
-राकेश कुमार, नीमसराय
जवाब-एडीए की कालोनियों मेंं व्यवस्था सुधारने के लिए निर्देश दिए गए हैं। एडीए के अफसरों से बात हुई है। कालोनी सहित शहर पश्चिम की कई सड़कें बनानी हैं। कालोनी में पुलिस की निगरानी बढ़ाने के लिए एसएसपी को कहा गया है।
सवाल-9- विकास में भेदभाव होता है
जाति के आधार पर विकास व किसी काम में भेदभाव होता रहता है। समय-समय पर किसी न किसी की उपेक्षा होती है।
-राकेश श्रीवास्तव, रम्मन का पुरवा
जवाब-पहले जाति के आधार पर भेदभाव होता था। अब ऐसा नहीं होगा। सरकार सब का साथ-सब का विकास के उद्देश्य से काम कर रही है। सबको बराबर का मौका मिलेगा।
सवाल-10- फरवरी का वेतन नहीं मिला
शिक्षा विभाग में अफसरों की लापरवाही के कारण शिक्षकों को फरवरी का वेतन नहीं मिला। वेतन के लिए आया बजट उपयोग नहीं होने पर वापस चला गया।
-अजर्य सिंह, शिक्षक नेता
जवाब-शिक्षा विभाग में ऐसा हुआ है तो बड़ी लापरवाही है। पहले मनमानी होती रही लेकिन अब नहीं होगी। मामले के कागजात मेल पर मुझे भेजे। विभाग से संबंधित मंत्रालय को ब्योरा दिया जाएगा।
सवाल-11- पेंशन के लिए काट रहे चक्कर
पिता जी प्रदेश सरकार के मत्स्य विभाग से रिटायर हुए। तब से पेंशन और अन्य भुगतान के लिए विभाग के चक्कर काट रहे है।
-एसके पांडेय, इलाहाबाद
जवाब-अपने पिताजी का ब्योरा हमे भेजिए। अबतक पेंशन नहीं मिलने की जांच कराई जाएगी। दोषी पर कार्रवाई और पेंशन मिलेगी।
सवाल-12- उपचार में मदद कीजिए
मैं विकलांग हूं। यहां इलाज से फायदा नहीं हुआ तो पीजीआई गया। वहां भी इलाज नहीं हो पा रहा है। मदद कीजिए।
-मोहम्मद इरफान, चौक
जवाब-इरफान आप परेशान न हों। आपका इलाज पीजीआई मेें होगा। आपका मोबाइल नंबर लिया है। इलाज के लिए शीघ्र पीजीआई से बुलावा आएगा।
सवाल-13- वरिष्ठों का घर में इलाज हो
वरिष्ठ नागरिक इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा पाते। क्या सरकार कोई ऐसी व्यवस्था कर रही है जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों का घर में इलाज हो।
-अमित, इलाहाबाद
जवाब-सरकार टेलीमेडिसिन की व्यवस्था कर रही है। इलाज के लिए अस्पताल नहीं आ सकते तो टेलीमेडिसिन की मदद ले सकते हैं। इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी होगा।
सवाल-14- ट्रामा सेंटर बेकार पड़ा है
इलाहाबाद में पांच साल पहले ट्रामा सेंटर बना लेकिन बेकार पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग की और भी सेवाएं ठप हैं।
-प्रशांत मिश्र
जवाब-ट्रामा सेंटर वर्षों से बंद होने की जानकारी है। ढांचा खड़ा हुआ है तो यह चलेगा भी। डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती होने दीजिए।
सवाल-15- जलनिकासी की व्यवस्था नहीं
जयंतीपुर में जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। बारिश होने पर मोहल्ला लबालब हो जाता है।
-अशोक कुमार, जयंतीपुर
जवाब-शहर में जल निकासी की व्यवस्था का पता नहीं। शहर के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनाना होगा। जयंतीपुर में पानी भरता है तो पंप से निकलवाएंगे। एडीए को कालोनी में ड्रेनेज बनाने के लिए कहा जाएगा।
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