फर्रूखाबाद में चल रही थी ड्राइविंग लाइसेंस की दुकान, 1.13 लाख फर्जी लाइसेंस मिले
फर्रूखाबाद जिले में जैसे ड्राइविंग लाइसेंस की दुकान चल रही है। आंख बंद कर ड्राइविंग लाइसेंस बांटे जा रहे हैं। जांच हुई तो एक दो नहीं 1.13 लाख ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी पाए गए। इसका खुलासा तब...
फर्रूखाबाद जिले में जैसे ड्राइविंग लाइसेंस की दुकान चल रही है। आंख बंद कर ड्राइविंग लाइसेंस बांटे जा रहे हैं। जांच हुई तो एक दो नहीं 1.13 लाख ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी पाए गए।
इसका खुलासा तब हुआ जब बेंगलुरू की एक अदालत में एक्सीडेंट क्लेम में दाखिल डीएल का सत्यापन कराया। इतने बड़े पैमाने पर फर्जीबाड़े का खुलासा होते ही परिवहन विभाग के कान खड़े हो गए। आनन-फानन में आरटीओ ने रिन्युवल पर रोक लगा दी। कानपुर में सत्यापन के बाद ही लाइसेंस रिन्यु किए जाएंगे।
वर्ष 1998 से 2004 के बीच फर्रूखाबाद एरआरटीओ कार्यालय के लिपिकों ने डीएल के नाम पर खूब मनमानी की। ड्राइविंग लाइसेंस की फीस सरकारी खजाने में जमा नहीं की और लाइसेंस जारी करवा दिए। आरआई और एआरटीओ के हस्ताक्षर भी खुद ही कर दिए। लिपिकों की मिलीभगत से समानांतर एआरटीओ कार्यालय चल रहा था।
दस दिनों में रिनुअल
फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद व्यवस्था बदल दी गई। एक सप्ताह तक आने वाले आवेदन फर्रुखाबाद से कानपुर भेजे जा रहे हैं। यहां कैशबुक से मिलान के बाद रिपोर्ट तैयार हो रही है। जांच के बाद आवेदन वापस फर्रुखाबाद भेजे जा रहे हैं। आवेदन करने वाले को 10 दिन बाद लाइसेंस मिल रहा है।
फर्जीवाड़े के बाद सावधानी
फर्रूखाबाद में लाइसेंस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद पूरी सावधानी बरती जा रही है। रिन्युवल व्यवस्था बदल दी गई है। अब कानपुर में सत्यापन के बाद लाइसेंस रिन्यु किए जा रहे हैं।
प्रभात पांडेय, एआरटीओ प्रशासन, कानपुर