हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव: बदहाल यूपी को नंबर एक बनाना है- राहुल गांधी
बढ़ी दाढ़ी। झक सफेद कुर्ता-पायजामा और स्पोर्ट्स शू पहने राहुल गांधी जब खाट सभा में पहुंचते हैं, तो भीड़ उत्साहित होने लगती है। राहुल लोगों से सीधे संवाद करते, उनकी समस्याएं पूछते हैं। सवाल करते...
बढ़ी दाढ़ी। झक सफेद कुर्ता-पायजामा और स्पोर्ट्स शू पहने राहुल गांधी जब खाट सभा में पहुंचते हैं, तो भीड़ उत्साहित होने लगती है। राहुल लोगों से सीधे संवाद करते, उनकी समस्याएं पूछते हैं। सवाल करते हैं। साथ ही ये भी बताते हैं, देश को आर्थिक ऊंचाइयों पर हमारी सरकार ही लेकर गई थी। वह बस में बैठकर बातें करने के दौरान भी समर्थकों को देख रुक जाते हैं। हाथ हिलाते, हाथ मिलाते...मुस्कराते और फिर बातें शुरू। लालगंज से रायबरेली के बीच यात्रा के दौरान लखनऊ के वरिष्ठ स्थानीय संपादक के.के. उपाध्याय के साथ बेबाक बातचीत का विस्तृत ब्योरा-
आपने यूपी को ही अपनी यात्रा के लिए क्यों चुना, जबकि चुनाव तो उत्तराखंड और पंजाब में भी हैं?
देखिए, मैं विपक्ष में हूं। विपक्षी नेता की जो भूमिका होती है, निभा रहा हूं। यूपी देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। मेरा काम है लोगों की दबी हुई आवाज को उठाना। उसे स्वर देना। पिछले ढाई साल में खेती खत्म होने के कगार पर है। किसान बदहाल हैं। उस पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। यूपी सरकार का रुख किसानों की मदद करने की तरफ नहीं दिखाई पड़ता। किसान मुश्किल में फंस गया है। हम किसानों की मदद करना चाहते हैं। उन्हें खुशहाल देखना चाहते हैं। यूपी खुशहाल होगा, तो देश खुशहाल होगा। यूपी को देश का नंबर एक राज्य बनाना ही लक्ष्य है।
किसानों की बदहाली के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?
प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियां तो जिम्मेदार हैं ही, केंद्र सरकार की नीतियां भी किसान विरोधी हैं। मोदी सरकार तो किसानों की जमीन लेने पर आमादा थी। कांग्रेस ने विरोध न किया होता, तो ये जमीनें बड़े उद्योगपतियों के पास चली जातीं। किसानों को उनकी फसल के अलावा आर्थिक उन्नति कैसे मिले, इस पर कोई सोच ही नहीं रहा। जो किसान कर्ज में डूबा हुआ है और गहरा डूबता चला जा रहा है। किसानों के लिए पिछले 27 सालों में यूपी में कोई नीति नहीं बनी।
मोदी सरकार से पहले तो 10 साल तक आपकी सरकार थी। आपकी सरकार ने क्या किया ?
हमारी सरकार ने बहुत काम किया था। हमने किसानों के कर्जे माफ किए थे। फिर से वादा कर रहे हैं कि हमारी सरकार बनी, तो दस दिन के भीतर किसानों के कर्ज माफ होंगे। बिजली बिल आधा होगा। फसलों का वाजिब दाम मिलेगा। पिछली सरकार की आर्थिक नीतियां किसानों के लिए मददगार थीं। रोजगारपरक थीं।
यूपी की अखिलेश सरकार को लेकर आप क्या सोचते हैं? अखिलेश तो अपने काम भी गिना रहे हैं।
यूपी की अखिलेश सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। जनता ने अखिलेश को बड़ा मौका दिया था। मगर वह खरे नहीं उतरे। मैंने सोचा था कि अखिलेश युवा हैं, नई सोच वाले हैं, शायद कुछ कर जाएं। अफसोस यह है कि अखिलेश कुछ कर ही नहीं सकते। उन्होंने बहुत कुछ सहन किया। यदि शुरू से ही सख्त कार्रवाई करते, तो शायद यूपी का भला हो जाता। भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी चरम पर है।
खबरें आती रहती हैं कि कांग्रेस का बसपा के साथ गठबंधन होने जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव बाद कांग्रेस गठजोड़ कर लेगी। सच्चाई क्या है?
कांग्रेस का ‘विजन’ साफ है। यूपी को दिशा देनी है। हम किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। अकेले ही दलितों की, पिछड़ों की, किसानों की आवाज उठाएंगे।
शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने के पीछे क्या रणनीति रही? क्या वह ब्राह्मण चेहरा हैं इसलिए?
शीला जी के काम को कौन नहीं जानता? कांग्रेस समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देना चाहती है। देती रही है। मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस का जो ‘डीएनए’ है, वह कांग्रेस के सभी लोगों में है। वह है सर्वहारा की पार्टी होने का।
भाजपा के बारे में क्या कहेंगे? इस बार भाजपा पूरी तैयारी के साथ चुनाव मैदान में उतरने का दावा कर रही है।
भाजपा के बारे में एक बात कहना चाहूंगा कि उसके इतिहास को देखा जाए, तो दो चीजें सामने आती हैं। उसके पास नफरत का एकमात्र कार्ड है, जो उसके लोग हर बार खेलते हैं। भुनाते हैं। बीजेपी बताए, उसके पास किसानों के लिए क्या ‘रोडमैप’ है? वह किसानों की मदद कैसे करना चाहती है? उसने 15 लोगों के एक लाख 15 हजार करोड़ के कर्जे माफ कर दिए। आप करो। हमें कोई एतराज नहीं। मगर किसान भी कर्ज में हैं। उनका क्या होगा? मोदी जी और भाजपा किसानों की भी मदद करें।
यूपी में बसपा के पास दलितों का बड़ा वोट बैंक है, जो कभी कांग्रेस का हुआ करता था। आप अपने वोट बैंक को कैसे वापस लेंगे?
मायावती जी और कांशीराम जी ने दलितों की आवाज उठाने का अच्छा काम किया था। कांशीराम जी ने दलितों को आवाज दी। उन्हें ताकत दी। एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया था। मायावती जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद कांशीराम जी के सपनों की धज्जियां उड़ा दीं। पूरे आंदोलन की विचारधारा को दरकिनार कर दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि उन्होंने कांशीराम जी के आंदोलन को क्यों दरकिनार किया? ऐसा करके उन्होंने खुद का तो नुकसान किया ही यूपी का भी नुकसान किया।
क्या कांग्रेस दलितों का ये वोट बैंक वापस ला सकती है?
देखिए, वोट बैंक मत कहिए। नुकसान इसी से हो रहा है। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो सर्वहारा की बात करती है। हम आम जनता की बात करते हैं। गांधी जी ने कहा था लाइन में जो आखिरी आदमी खड़ा है, उसकी रक्षा हो। उसे हक मिले। न डर हो। न भय हो। सबको सपने पूरे करने की आजादी मिले। भविष्य बनाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता।
आपके पास यूपी के लिए क्या योजना है?
पानी पर काम होना चाहिए। एक समग्र नीति हो ताकि किसानों को कभी बाढ़ तो कभी सूखे से होने वाली परेशानी से बचाया जा सके। हम काम कर रहे हैं। पानी बड़ा मुद्दा है। इसका सही इस्तेमाल किसानों को सिखाना होगा। मैंने पहले भी कहा यूपी को नंबर एक प्रदेश बनाना है और हम बनाकर रहेंगे। स्वामीनाथन रिपोर्ट में किसानों के हितों की जो बातें कही गई हैं, उन्हें लागू करेंगे। युवाओं के लिए अलग नीति जरूरी है। महिलाओं की साझेदारी बढ़ानी होगी।
जम्मू-कश्मीर को लेकर आपके क्या विचार हैं?
जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस ने सदैव एक ठोस नीति अपनाई। कांग्रेस के पिछले दस साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में हिंसा का लगभग खात्मा हो गया था। न आए दिन फौजी जवानों व पुलिस पर हमले होते थे और न सामान्य नागरिकों पर। यह कांग्रेस की ठोस नीति का सीधा नतीजा था।
कश्मीर को लेकर आपकी सरकार की कार्यनीति क्या थी?
हमारी रणनीति की नींव का पहला आधार था पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर देना। दूसरा कदम था, जम्मू-कश्मीर के लोगों विशेषतया नौजवानों को देश की मुख्यधारा में शामिल कर कश्मीर घाटी में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जाने वाले उग्रवाद के लिए जगह खत्म कर देना। मुंबई हमलों के बाद हमारी सरकार ने सधे हुए तरीके से कूटनीति द्वारा पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया।
तो भाजपा की कार्यनीति जम्मू-कश्मीर पर अलग कैसे है?
मुझे बहुत खेद है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर भाजपा की कोई रणनीति है ही नहीं। पीडीपी—बीजेपी समझौता सबसे बड़ी नीतिगत विफलता साबित हुआ। इसका खामियाजा हमें वर्षों तक भुगतना पड़ेगा। इस बेमेल और सिद्धांतहीन समझौते ने भटके हुए व्यक्तियों को राष्ट्रीय मुख्यधारा में लाने की पीडीपी की क्षमता को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया। वो सारी मेहनत जो हमने नौ वर्षों तक शांति की बहाली के लिए की थी, कुछ दिनों में ही जाया कर दी गई।
आपके विचार में क्या करना चाहिए?
एक समझदार व दूरदृष्टि वाली रणनीति बनाने व उसे लागू करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहिए और पाकिस्तान समर्थित उग्रवादियों के कार्यक्षेत्र को सामरिक व राजनैतिक कदम उठाकर खत्म करना चाहिए। हमने पाकिस्तान को अलग-थलग कैसे खड़ा कर दिया था? छोटे-छोटे देश भी बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन से जुड़े देशों ने हमारी बहुत मदद की। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की बैठक में न जाकर प्रधानमंत्री ने इस बड़ी ताकत को हमारे पक्ष में इस्तेमाल करने का मौका खो दिया।
क्या कांग्रेस सरकार की मदद करेगी?
कांग्रेस पार्टी देशहित में जम्मू-कश्मीर पर बनाई जाने वाली रणनीति का समर्थन करेगी। हमें यह जान लेना चाहिए कि पाक उग्रवाद फैलाने और शरारत का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देगा। देश हित में हमारी जिम्मेदारी है कि वो कभी भी अपने षड्यंत्र में कामयाब न हो पाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में आपकी राय क्या है?
लोग उनसे डरते हैं। उनके अपने लोग भी डरते हैं। जब बैठक करते हैं, तो निर्णय करके आते हैं। मशविरा नहीं करते। अपने फरमान सुना देते हैं। एक बड़े अफसर ने खुद मुझसे कहा कि किसी की हिम्मत नहीं है कि कोई बोल पाए।
आपको कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं बीच—बीच में होती रहती हैं।
मैं पिछले तीन-चार बार से कांग्रेस के साथ चुनावों में काम कर रहा हूं। ये पार्टी तय करेगी कि उसे क्या करना है।