प्रदेश में हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आने वाले दिनों में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव में जाने से पहले वह विस्तार व फेरबदल के जरिए अपनी कैबिनेट की शक्ल में बेहतर बदलाव करने की तैयारी में...
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आने वाले दिनों में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। विधानसभा चुनाव में जाने से पहले वह विस्तार व फेरबदल के जरिए अपनी कैबिनेट की शक्ल में बेहतर बदलाव करने की तैयारी में हैं। इस कवायद में जहां कुछ नए युवा चेहरों का कैबिनेट में समायोजन हो सकता है तो कुछ की विधानसभा चुनाव के नजरिए से संगठन में जिम्मेदारी बढ़ाई जा सकती है।
अखिलेश मंत्रिमंडल में इस समय 24 कैबिनेट मंत्री , 22 राज्यमंत्री व 10 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री यानी कुल 56 मंत्री हैं। मंत्रियों के लिए तीन स्थान रिक्त हैं। युवा नेताओं में सीएम की पसंद हाल ही में एमएलसी बने सुनील साजन, आनंद भदौरियां तो हैं ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बेटे भी इस कवायद में स्थान पा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक मौजूदा कैबिनेट से दो तीन मंत्रियों को हटाया जा सकता है।
इनमें दो मंत्रियों के नाम की चर्चा तो राज्यसभा में भेजे जाने पर है। अगर स्पीकर माता प्रसाद पांडेय राज्यसभा में भेजे गए तो उनकी जगह किसी मंत्री को स्पीकर बनाया जा सकता है। ऐसे में एक स्थान और खाली हो जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि सीएम मंत्रिमंडल से हटाए गए कुछ नेताओं को फिर मंत्री बना सकते हैं। पिछले साल 29 अक्टूबर को सीएम ने महेंद्र अरिदमन सिंह, नारद राय, शिवाकांत ओझा, शिवकुमार बेरिया, अम्बिका चौधरी, आलोक कुमार शाक्य, योगेश प्रताप सिंह, भगवत शरण गंगवार मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था।
इसके बाद 31 अक्टूबर को कैबिनेट का विस्तार किया। अब चर्चा है कि नारद राय को फिर से लिया जा सकता है। सीएम अखिलेश द्वारा पहले भी कुछ मंत्री को हटाकर दोबारा मंत्रिमंडल में ले चुके हैं। सीएम युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका देना चाहते हैं। पिछले विस्तार में उन्होंने पवन पांडेय (34 साल ) सुधीर रावत (43 साल) पप्पू निषाद (41 साल) व हेमराज वर्मा (39 साल )जैसे युवाओं को मंत्री चुना था।