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एयरबेस के चारों ओर ऊंचे मोबाइल टावरों से वायुसेना चिंतित

त्रिशूल एयरबेस सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद वायुसेना और प्रशासन ने एयरबेस की सुरक्षा के लिए कई सख्त कदम उठाए। त्रिशूल के 50 मीटर के दायरे में बने अवैध...

एयरबेस के चारों ओर ऊंचे मोबाइल टावरों से वायुसेना चिंतित
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Jun 2016 01:21 PM
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त्रिशूल एयरबेस सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद वायुसेना और प्रशासन ने एयरबेस की सुरक्षा के लिए कई सख्त कदम उठाए। त्रिशूल के 50 मीटर के दायरे में बने अवैध निर्माणों के सर्वे के बाद अब पेट्रोलिंग के लिए रोड बनाने की कवायद चल रही है। 

इसी बीच वायुसेना के अफसरों ने डीएम गौरव दयाल को एयरबेस के चारों ओर लगे मोबाइल टावरों की सूची भेजी है। अफसरों का कहना है कि अलग-अलग कंपनियों के मोबाइल टावरों से एयरबेस में सिग्नल गड़बड़ाने की शिकायत आ रही है। एयरबेस की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन इन टावरों को ध्वस्त करवाए। 

इन मामलों को लेकर कई बार आपत्ति जता चुकी है वायुसेना 
1-अवैध निर्माण 

त्रिशूल एयरबेस के 100 मीटर के दायरे में पिछले 15 सालों में तेजी से अवैध निर्माण हुए हैं। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद अवैध निर्माणों को चिन्हित करके तोड़ने की  बात हुई थी। मगर अब तक कुछ नहीं हुआ। 
 
2-धार्मिक स्थलों का शोर 
एयरबेस के चारों ओर बने धार्मिक स्थलों में ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजते हैं। इस कारण पायलट व बाकी स्टाफ की नींद पूरी नहीं हो पाती। बच्चों की पढ़ाई में भी खलल पड़ता है। 
 
3-पंतगबाजी 
एयरबेस से सटकर बने मकानों में लोग पतंगबाजी करते हैं। अक्सर पतंग बहुत ऊंची उड़ाते हैं जो लड़ाकू विमानों के लिए खतरनाक हो सकती है। 
 
4-अवैध बूचड़खाने 
एयरबेस से सटे इलाकों में अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं। लोग जानवर मारने के बाद उनके शव खुले में फेंक जाते हैं। इन पर पक्षी मंडराते रहे हैं। जिससे विमानों पर बर्ड हिट का खतरा मंडराता है। 
 
5-एयरबेस के आसपास बने ईंट-भट्ठे 
एयरबेस के आसपास के इलाकों में बने ईंट भट्ठों की चिमनी के ऊपर भी पक्षी मंडराते रहते हैं। इसे लेकर भी वायुसेना अफसर कई बार आपत्ति जता चुके हैं। 

त्रिशूल एयरबेस के इर्द-गिर्द काफी मोबाइल टावर खड़े हो गए हैं। इससे एयरफोर्स को दिक्कत हो रही है। अक्सर सिग्नल गड़बड़ाने की समस्या भी सामने आ रही है। हमने प्रशासन को पत्र लिखकर इन टावरों को ध्वस्त करने की मांग की है। 
-आर मुथूवेल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, त्रिशूल एयरबेस 
 

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