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बंटे हुए, इसलिए कमजोर हैं बलूचिस्तान के लोग: सरीन

लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉ. शंकर दयाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी की ओर से 'बलूचिस्तान में मानवाधिकार व आर्थिक चुनौतियां' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मालवीय सभागार में आयोजित संगोष्ठी...

बंटे हुए, इसलिए कमजोर हैं बलूचिस्तान के लोग: सरीन
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Sep 2016 01:11 AM
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लखनऊ विश्वविद्यालय में डॉ. शंकर दयाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी की ओर से 'बलूचिस्तान में मानवाधिकार व आर्थिक चुनौतियां' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मालवीय सभागार में आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रक्षा विशेषज्ञ व भारत-पाक नीतियों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन थे। कार्यक्रम में महापौर डॉ. दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।

कुलपति की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि किसी भी देश में कूटनीति का इस्तेमाल उस राष्ट्र के हितों की रक्षा और विकास के लिए किया जाता है। वर्तमान में भारत की ओर से बलूचिस्तान मामले में हो रहे हस्तक्षेपों को भी इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पिछले दो दशकों से लोगों को कट्टरवाद की ओर धकेला जा रहा है जिसके दुष्परिणाम बलूचिस्तान में देखने को मिल रहे हैं। बलूचिस्तान में कबीलाई संस्कृति आज भी मौजदू है और लोग अलग-अलग कबीलों में बंटे हुए हैं। पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन व खनिज सम्पदा होने के बावजूद ये लोग खराब हालातों व दमन का सामना कर रहे हैं, क्योंकि इनमें एकता नहीं है। यहां समय-समय पर आजादी के लिए आंदोलन हुए लेकिन नीति सही न होने के कारण सफलता नहीं मिली। अब भारत को ठोस रणनीति बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ बलूचिस्तान की मदद करनी चाहिए।

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