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दून पुलिस के दो सिपाही रिश्वतखोरी में सस्पेंड

गढ़ीकैंट थाना क्षेत्र के बिंदाल पुलिस चौकी में तैनात दो सिपाहियों को एसएसपी ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में सस्पेंड कर दिया। जबकि तीसरे आरोपी को प्रशासनिक आधार पर चकराता ट्रांसफर कर दिया गया...

दून पुलिस के दो सिपाही रिश्वतखोरी में सस्पेंड
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Oct 2016 11:43 AM
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गढ़ीकैंट थाना क्षेत्र के बिंदाल पुलिस चौकी में तैनात दो सिपाहियों को एसएसपी ने 30 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में सस्पेंड कर दिया। जबकि तीसरे आरोपी को प्रशासनिक आधार पर चकराता ट्रांसफर कर दिया गया है।
बिंदाल क्षेत्र में जुलाई में एक शख्स ने युवती को किराये पर कमरा दिलाया था। यह शख्स युवती के कमरे में जबरन घुसने लगा तो युवती ने इसकी शिकायत 100 नंबर पर कर दी। इसके बाद चीता पुलिस के सिपाही विजय प्रताप सिंह और सुधीर जांच के लिए मौके पर पहुंचे। लेकिन, आरोप है कि युवती की शिकायत सुनने की बजाए आरोपियों ने ठेकेदार को डरा-धमका कर 30 हजार रुपये में सौदा कर लिया। इस मामले में तीसरे सिपाही विकास रावत ने अहम भूमिका निभाई। इस पर एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने सिपाही सुधीर का प्रशासनिक आधार पर चकराता ट्रांसफर कर दिया। इसी बीच वादी भी सामने आया और तीस हजार रुपये रिश्वत की बात कबूली। एसएसपी ने जांच रिपोर्ट मिलने के बाद चीता पुलिस के सिपाही विजयप्रताप सिंह और विकास रावत को सस्पेंड कर दिया। दोनों की सीआर पर सत्यनिष्ठा को भी रोक दिया है। दोनों को जिला बदर करने की संस्तुति भी रेंज को कर दी है। एसएसपी डॉ. दाते ने बताया कि विजयप्रताप पहले भी विवादों में रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी सिपाही की गोपनीय जांच भी कराई जा रही है।

लापरवाही पर चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर 
लक्ष्मणचौक चौकी इंचार्ज मुकेश थलेड़ी को भी एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने लापरवाही बरतने पर लाइन हाजिर कर दिया है। बाइक चोरी के मामले में कार्रवाई न करने तथा कुछ और मामलों में लापरवाही बरतने पर एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के प्रति किसी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

अपराध छिपाने को लेकर पूर्व थानेदार की होगी जांच
विराज एन्क्लेव (सहस्रधारा) में चोरी का मुकदमा पुलिस मोबाइल एप से छह माह बाद दर्ज होने के मामले में गढ़वाल रेंज के आईजी ने संजय गुंज्याल ने तत्कालीन थानेदार के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। प्रॉपर्टी डीलर विनोद कुमार उप्पल के घर नौ अप्रैल को चोरी हुई थी। चोरी की तहरीर समय पर थाने को दी गई। मगर तत्कालीन एसओ मणिभूषण श्रीवास्तव का ट्रांसफर हो गया। दूसरे एसओ आये तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जता दी। साढ़े तीन लाख रुपये की चोरी के बाद भी मुकदमा दर्ज न होने से परिजन पुलिस के प्रति खासे नाराज थे। इसी बीच वादी के पुत्र लवी उप्पल ने उत्तराखंड पुलिस एप में तहरीर डाल दी। इसके बाद मामला एसएसपी डॉ. सदानंद दाते के संज्ञान में आया तो उन्होंने केस दर्ज करने के आदेश दिए। फिर 18 अक्तूबर को रायपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद आईजी गुंज्याल ने इसे अपराध छुपाने की श्रेणी में बताया। उन्होंने तत्कालीन एसओ के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश देकर 15 दिन में रिपोर्ट मांग ली है। 
 

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