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ममता: 'उस मिट्टी को पूजने आई हूं, जहां मेरे बेटे ने अंतिम सांस ली'

पांच साल पहले गोरी नदी में गिरकर लापता हो गए बेटे का अमेरिका में इंतजार कर रही बूढ़ी मां एलिजाबेथ ने आखिरकार मान ही लिया कि उसका लाड़ला अब कभी नहीं लौटेगा। हजारों किलोमीटर दूर से वह अपने इकलौते...

ममता: 'उस मिट्टी को पूजने आई हूं, जहां मेरे बेटे ने अंतिम सांस ली'
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Mar 2017 09:46 AM
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पांच साल पहले गोरी नदी में गिरकर लापता हो गए बेटे का अमेरिका में इंतजार कर रही बूढ़ी मां एलिजाबेथ ने आखिरकार मान ही लिया कि उसका लाड़ला अब कभी नहीं लौटेगा। हजारों किलोमीटर दूर से वह अपने इकलौते बेटे थॉमस को श्रद्धांजलि देने उत्तराखंड के मुनस्यारी पहुंची हैं। एलिजाबेथ का कहना है कि वह उस मिट्टी को पूजने आईं हैं जहां उनके बेटे ने अंतिम सांस ली। 

कब और कैसी हुई थी यह घटना

सितंबर 2011 में अमेरिका की ट्रैकिंग संस्था नोल्स के 18 ट्रैकरों का दल मुनस्यारी के नंदा देवी बेस कैंप के रास्ते में था। थॉमस इस दल में शामिल था। बारह दिन की ट्रैकिंग के बाद 22 सितंबर को जब यह दल वापस लौट रहा था तब मालछू के पास थॉमस का पैर फिसल गया। वह गोरी नदी में जा गिरा। बरसात से गोरी का बहाव तेज था। ऐसे में साथी उसे नहीं बचा पाए।

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तीन दिन बाद अमेरिका के मिनटोंका में एलिजाबेथ को थॉमस की सूचना दे दी गई। लेकिन उन्हें अपने बेटे के नहीं रहने की खबर पर भरोसा नहीं हुआ। उन्हें लगता रहा कि थॉमस जरूर लौटेगा। दिन घर जरूर लौट आएगा।

अमेरिकी मां ने क्या कहा?

मैं उस मिट्टी को पूजना चाहती हूं जिसे अंतिम बार उसके पैरों ने छुआ। उन पक्षियों से बात करना चाहती हूं जो थॉमस को अंतिम विदाई दी।

कुमाऊंनी रीतिरिवाज से होगी पूजा

एलिजाबेथ अपने बेटे की आत्मा की शांति के लिए मालछू में कुमाऊंनी रीति-रिवाज से पूजा भी करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने एक घंटी खरीदी है और उस पर थॉमस का नाम खुदवाया है। एलिजाबेथ ने बताया कि उनका बेटा गणेश भगवान का भक्त था।

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एक माह चली थी तलाश

थॉमस के गोरी नदी में गिरने के बाद स्थानीय प्रशासन ने करीब एक महीने तक उसकी तलाश की। पुलिस के अलावा गोताखोरों की मदद से 25 किलोमीटर के दायरे में खोज अभियान चलाया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। बाद में तत्कालीन एसडीएम जसवंत सिह राठौड़ ने अंतिम रिपोर्ट लगाई।

4 दिन घटनास्थल पर रहेंगे

एलिजाबेथ के साथ पति बैरी, बहन सारा और भतीजी सोफिया भी आए हैं। लीलम के पास मालछू में जिस जगह थॉमस का पैर फिसला था वह जगह सड़क से करीब सात किलोमीटर दूर है। थॉमस का परिवार चार दिन मालछू में रहेगा। थॉमस का परिवार मंगलवार को मालछू के लिए रवाना होगा।

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