'मोदी अंकल...प्लीज! मेरे घर के पीछे से मगरमच्छ निकलवा दीजिये'
मगरमच्छ की दहशत से तंग आकर हरिद्वार जिल के खानपुर निवासी एक बच्चे पीएम को मोदी अंकल संबोधित कर पत्र भेजा। बताया कि उसके घर के पीछे तालाब में कई साल से मगरमच्छ है। इस वजह से वह खेलने नहीं जा पाते।...
मगरमच्छ की दहशत से तंग आकर हरिद्वार जिल के खानपुर निवासी एक बच्चे पीएम को मोदी अंकल संबोधित कर पत्र भेजा। बताया कि उसके घर के पीछे तालाब में कई साल से मगरमच्छ है। इस वजह से वह खेलने नहीं जा पाते। बच्चे ने मगरमच्छ को वहां से निकालकर दूर छोड़ने की विनती की। पीएमओ के पत्र का संज्ञान लेकर वन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
प्रवीण गुप्ता के घर के पीछे मैदान से सटे तालाब में कई साल से एक मगरमच्छ रहता है, जो अक्सर मैदान में आ जाता है। इतना ही नहीं कई बार घरों के आसपास पहुंच जाता है। इससे लोग अपने बच्चों को मैदान में खेलने नहीं भेजते। लोगों ने इसकी शिकायत प्रशासन और वन विभाग से की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 17 जनवरी को छठी कक्षा में पढ़ रहे प्रवीण के 11 वर्षीय बेटे मयंक ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी भेज दी। चिट्ठी में उसने पीएम को मोदी अंकल लिखकर पूरी बात बताई। कहा कि मगरमच्छ को तालाब से निकलवाया जाए, ताकि वह पहले की तरह दोस्तों के संग मैदान में खेल सके।
चिट्ठी मिलने के बाद पीएमओ ने इसका संज्ञान लेकर वन विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। लक्सर के रेंजर डीके भारती ने पीएमओ से पत्र मिलने की पुष्टि की। बताया कि मगरमच्छ को पकड़कर गंगा में छोड़ने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। मयंक ने बताया कि वह पीएम मोदी के बच्चों की चिट्ठी पढ़कर कार्रवाई करने की बात अक्सर मीडिया में देखता है। इसी को देखकर उसने भी उन्हें चिट्ठी लिख दी। चिट्ठी पर पीएम के संज्ञान लिए जाने पर उसने थैंक्यू मोदी अंकल भी बोला।
स्कूल ने मयंक को किया पुरस्कृत
मयंक खानपुर के एनसीएफ एकेडमी में छठी कक्षा का छात्र है। शुक्रवार को स्कूल में उसके कार्य की जानकारी स्कूल प्रबंधन को भी हुई। इसके बाद स्कूल के प्रबंधक प्रमोद कुमार और स्टाफ ने मयंक को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया।