यूपीः गैंगरेप के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति की तलाश में छापे
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परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति की तलाश में लखनऊ पुलिस ने मंगलवार शाम को उनके गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास में दबिश दी। पार्क रोड स्थित उनके मकान में भी पुलिस ने छापा मारा। पर मंत्री कहीं नहीं मिले। इसके अलावा गैंगरेप और यौनशोषण के आरोपी गायत्री प्रजापति और उनके साथियों की गिरफ्तारी के लिए अमेठी से लेकर लखनऊ तक पुलिस मशक्कत करती रही।
चित्रकूट की एक महिला ने गायत्री प्रजापति और उनके साथियों अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चन्द्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ल के खिलाफ गैंगरेप व यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कराया था। गौतमपल्ली थाने में यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। इस मामले की विवेचना कर रही सीओ आलमबाग अमिता सिंह ने पीड़िता के तीन दिन पहले कलमबंद बयान दर्ज कराए थे। इस बयान का सोमवार को ही सीओ ने अवलोकन किया था। इस बयान में गायत्री के खिलाफ साक्ष्य मिलने के बाद ही पुलिस ने गिरफ्तारी की कवायद शुरू कर दी थी।
मतदान के समय दिखे थे
अमेठी में सोमवार को मतदान के समय गायत्री प्रजापति समर्थकों के साथ देखे गए थे। पर, मतदान खत्म होने के बाद देर शाम के बाद से वे अचानक गायब हो गए। मंगलवार सुबह अफवाह फैली कि जल्दी ही गिरफ्तार होने की भनक लगते ही वे अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। पर, कुछ देर बाद ही लखनऊ पुलिस और अमेठी पुलिस अस्पतालों में उन्हें ढूंढने लगी।
सरकारी आवास में मारा छापा
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि कई अस्पतालों में पुलिस गई लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद ही सीओ आलमबाग और सीओ हजरतगंज अविनाश मिश्र के नेतृत्व में पुलिस बल ने शाम साढ़े पांच बजे गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा। यहां पुलिस ने कमरों की तलाशी लेकिन कोई नहीं मिला। घरेलू नौकर और माली उनके बारे में कुछ जानकारी नहीं दे सके। इस आवास पर तीन दिन पहले सीओ आलमबाग ने मुआयना भी किया था। पीड़िता ने एफआईआर में इसे ही घटनास्थल बताया था।
फैजाबाद पुलिस लाइन से मिली थी सुरक्षा
बड़े अफसरों ने गायत्री प्रजापति की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के बारे में पता करना शुरू किया। पता चला कि गायत्री को फैजाबाद पुलिस लाइन से सुरक्षाकर्मी दिए गए थे। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से भी अफसरों का सम्पर्क नहीं हो सका है।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा
गौतमपल्ली थाने में पीड़िता की तहरीर पर यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। इसमें गायत्री प्रजापति के अलावा अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चन्द्रपाल, रूपेश और आशीष शुक्ल नामजद हुए थे। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि गायत्री प्रजापति और उसके साथियों ने सरकारी बंगले पर धोखे से उसे चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेसुध कर दिया था।
इसके बाद उसके साथ सामूहिक दुराचार किया गया। उसने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी के साथ भी दुराचार का प्रयास किया गया था। इस मामले में रेप, यौन शोषण की धाराओं के साथ ही पोक्सो एक्ट भी लगा था।
यूपीः गैंगरेप के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति की तलाश में छापे