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76 निरंकुश प्रबंधकों को डीआईओएस ने थमाई नोटिस

एक ही बात को लेकर शासन और डीआईओएस से दिए गए निर्देशों की अह्वेलना जिले के 76 कॉलेजों को भारी पड़ी है। कई बार चेताने के बावजूद इन कॉलेजों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों ने मांगी गई जानकारी देना उचित...

76 निरंकुश प्रबंधकों को डीआईओएस ने थमाई नोटिस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 03 Dec 2016 11:40 PM
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एक ही बात को लेकर शासन और डीआईओएस से दिए गए निर्देशों की अह्वेलना जिले के 76 कॉलेजों को भारी पड़ी है। कई बार चेताने के बावजूद इन कॉलेजों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों ने मांगी गई जानकारी देना उचित नहीं समझा। अब इन निरंकुश प्रबंधको को हाथ में आई नोटिस का उचित स्पष्टीकरण 18 दिसंबर तक देना होगा। यदि यहां भी लापरवाही का आलम बरकरार रहा तो इन कॉलेजों की मान्यता पर संकट आना तय हो चुका है।

जिले में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट तक शिक्षा दे रहे यह सभी संस्थान वित्तविहीन हैं। जिनके यहां अंशकॉलिक शिक्षकों से शैक्षणिक दायित्व की जिम्मेदारी वहन की जा रही है। शासन ने इन अध्यापकों को विशेष प्रोत्साहन मानदेय दिए जाने का रास्ता साफ किया है। इस बाबत शासन ने डीआईओएस राकेश कुमार को जिले के सभी वित्तविहीन कॉलेजों से उनके यहां कार्य कर रहे शिक्षकों का पूरा व्यौरा जुटाने निर्देश दिए थे। इसके अलावा डीएम सुरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में 20 अक्तूबर की बैठक दौरान अंशकॉलिक शिक्षकों की जानकारी से जुड़े प्रपत्र इन प्रबंधको को देने के लिए आगाह किया जा चुका था। प्रबंधको को अंशकॉलिक शिक्षकों के पात्रता को दर्शाने वाले इन प्रपत्रों को मांगते समय हर बार डीआईओएस ने तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की। इसके बावजूद इनकी लेटलतीफी और नाफरमानी का आलम बरकरार रहा। डीआईओएस राकेश कुमार ने शनिवार को इन्हीं प्रबंधको की एक बैठक की। जिसमें कुल 76 प्रबंधको को नोटिस दिए जाने की जानकारी कार्यालय से दी गई है। डीआईओएस राकेश कुमार नोटिस में कहा है कि अब तक की गई हीलाहवाली का दण्ड आपको परीक्षा केन्द्र से वंचित किए जाने के रूप में दिया जाए। व जहां परीक्षा केन्द्र नहीं हैं। उनकी मान्यता रद्द की जाए।

कुशल श्रमिकों के बराबर मिलेगा मानदेय

डीआईओएस ने नोटिस में शासन की ओर से तय मानदेय का जिक्र किया है। प्रबंधकों से कहा है कि शासनानुसार अंशकॉलिक शिक्षकों को एक कुशल श्रमिक के लिए समय-समय पर तय किए गए प्रतिदिन पारिश्रमिक के बराबर विशेष मानदेय दिया जाना है।

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