जो कहा, वो पूरा किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में ‘अच्छे दिन’ आने का वादा किया था। मोदी सरकार के पहले बजट भाषण में इसकी छवि भी नजर आई। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने बजट में...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में ‘अच्छे दिन’ आने का वादा किया था। मोदी सरकार के पहले बजट भाषण में इसकी छवि भी नजर आई। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने बजट में आम जनता को महंगाई से फौरी राहत दी। इसके साथ ही देश के समग्र विकास का खाका भी पेश किया। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’, ‘सबका साथ, सबका विकास’और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन’ के मुद्दे के इर्दगिर्द सिमटे राजग सरकार के पहले बजट में हर राज्य के हिस्से केंद्र की कोई न कोई सौगात आई है। किसान, नौकरीपेशा व उद्यमियों सभी का खास ध्यान रखा गया है।
बजट भाषण में वित्तमंत्री ने संप्रग सरकार से विरासत में मिली अर्थव्यवस्था का रोना रोने के बजाए अच्छे दिनों के लिए मजबूत शुरुआत की। मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा की धारा को निर्मल-अविरल बनाने के लिए ‘नमामि गंगे’,धार्मिक शहरों के लिए प्रसाद योजनाओं की घोषणा की। विरासत वाले शहरों के लिए हृदय योजनाएं और पर्यटन बढ़ाने वाली योजनाओं की घोषणाएं की।
विश्वस्तरीय बनेंगे शहर : भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में जिन मुद्दों और परियोजनाओं की बातों का उल्लेख किया गया था, उनके से कई को जेटली के बजट में जगह मिली। देश में विश्वस्तरीय शहरों के निर्माण के लिए 100 स्मार्ट सिटी, वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर छूट और निवेश पर छूट की सीमा बढ़ाने के साथ वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और बच्चाों के लिए विशेष योजनाएं शुरू की गई। सिगरेट-कोल्डडिंक्स को महंगा कर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधारों पर जोर दिया। किसानों के लिए ‘किसान टीवी’, मिट्टी जांच को 100 चलती फिरती प्रयोगशालाएं, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और दक्ष भारत योजनाएं शुरू करने भाजपा ने अपने किये वादों को पूरा किया है।
ज्यादा खर्च, ज्यादा बचत : बजट पेश करने के बाद जेटली ने साफ किया कि इस बजट को केवल छह महीने ही मिलने हैं। इस दौरान कई योजनाएं शुरू ही हो पाएंगी। इसलिए बजट में उतनी ही राशि रखी गई है, जिसका उपयोग हो पाए। बकौल जेटली इससे हर व्यक्ति ज्यादा खर्च कर सकेगा और ज्यागा बचा सकेगा। वह टैक्स भी ज्यादा देगा और उसकी आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य भी सकल घरेलू उत्पाद का 4.1 फीसद रखा गया है, जो आने वाले सालों में और नीचे लाया जाएगा।
साठ महीनों का मोदी मिशन : मोदी ने अपने चुनावी अभियानों से लेकर प्रधानमंत्री बनने के बाद अभिभाषण में विकास के लिए 60 महीने मांगे थे। जेटली ने अपने जो बजट पेश किया उनकी झलक भी मोदी सरकार के पहले बजट साफ दिखाई दी। पुलिस आधुनिकीकरण से लेकर रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर आंतरिक व बाह्य सुरक्षा को मजबूती दी गई है। वहीं मदरसों के आधुनिकीकरण के साथ देश में पांच नए आईआईटी व पांच नए आईआईएम भी खोलने की घोषणा की गई है। देश के कई शहरों में नए एम्स शुरू करने की भी घोषणा की गई है।
दिग्गज भी याद आए : मिशन मोदी में पूवरेत्तर, जम्मू कश्मीर, अंडमान व पुडुचेरी जैसे क्षेत्रों के लिए भी अहम घोषणाएं भी की है। मोदी के वादे अनुरूप ही जम्मू-कश्मीर में विश्वस्तरीय स्टेडियम व विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए घोषणाएं की गई है। इसके अलावा नेहरू-गांधी खानदान के नेताओं से इतर अन्य नेताओं के योगदान को याद करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, जय प्रकाश नारायण, सरदार वल्लभ भाई पटेल जेसे नेताओं के नाम पर योजनाएं शुरू की गई है।