अप्रैल से गहनों की नकद खरीद पर टैक्स
कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार एक और कड़ा कदम उठाने जा रही है। एक अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक के गहने नकद खरीदने पर एक प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर) चुकाना पड़ेगा। अभी इसकी मौजूदा सीमा 5 लाख...
कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार एक और कड़ा कदम उठाने जा रही है। एक अप्रैल से दो लाख रुपये से अधिक के गहने नकद खरीदने पर एक प्रतिशत टीसीएस (स्रोत पर कर) चुकाना पड़ेगा। अभी इसकी मौजूदा सीमा 5 लाख रुपये है।
गहने सामान्य वस्तुओं की श्रेणी में: वित्त विधेयक 2017 प्रस्तावित संशोधन पारित हो जाने पर गहनों को सामान्य वस्तुओं की तरह माना जाएगा। इसके मुताबिक, दो लाख रुपये से ज्यादा की नकद खरीदारी पर टीसीएस देना होगा।
वहीं, 5 लाख से अधिक के गहनों की खरीद सीमा समाप्त करने के लिए संसद की मंजूरी मिल चुकी है। इसकी वजह यह है कि 2017-18 के बजट में तीन लाख रुपये से अधिक के नकद सौदों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्तिपर 100 फीसदी जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
आयकर कानून में क्या : आयकर कानून के मुताबिक, दो लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगता है। वस्तुओं की परिभाषा में गहने भी आ गए हैं। ऐसे में दो लाख रुपये से अधिक के नकद गहने खरीदने पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगेगा।
सर्राफा के समान : सरकार के इस कदम से गहनों पर टीसीएस की सीमा एक अप्रैल से सर्राफा के समान हो जाएगी। बता दें कि आयकर विभाग 1 जुलाई, 2012 से सर्राफा या बुलियन की दो लाख रुपये से अधिक और गहनों की पांच लाख रुपये से अधिक की खरीद पर एक प्रतिशत का टीसीएस लगा रहा है।
क्यों लाया गया था विधेयक
वित्त विधेयक 2017 में आभूषणों पर टीसीएस लगाने की वजह बताई गई है। इसमें कहा गया है कि भारत में घरेलू कालाधन भारी मात्रा में है। इसका सरकार के राजस्व बढ़ाने के प्रयासों पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
इसलिए उठाया गया कदम
आभूषणों की खरीद के लिए पहले कोई विशेष प्रावधान नहीं था। ऐसे में लोग कालेधन का इस्तेमाल कर ज्यादा से गहने खरीद लेते थे। इसलिए अब आभूषणों को सामान्य उत्पादों के साथ मिला दिया गया है, जिससे इस पर टैक्स लगे।