26 हफ्ते का प्रसूति अवकाश बिल पास
राज्यसभा में प्रसूति अवकाश (संशोधन) विधेयक गुरुवार को से पारित हो गया। इसमें निजी कंपनियों की महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश 26 सप्ताह करने का प्रावधान है। यानी महिलाओं को अब साढ़े छह महीने की...
राज्यसभा में प्रसूति अवकाश (संशोधन) विधेयक गुरुवार को से पारित हो गया। इसमें निजी कंपनियों की महिला कर्मचारियों के लिए मातृत्व अवकाश 26 सप्ताह करने का प्रावधान है। यानी महिलाओं को अब साढ़े छह महीने की छुट्टी मिलेगी। इसमें आठ हफ्ते की छुट्टी प्रसव से पूर्व की होगी। सरकारी कर्मचारियों को यह सुविधा पहले से ही मिली हुई है।
क्रेच की सुविधा: विधेयक में 50 से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों के लिए शिशु कक्ष (क्रेच) की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। साथ ही, नियोक्ता को दिन में चार बार महिला कर्मियों को बच्चे से मिलने देना होगा। हालांकि विपक्ष ने फैक्टरी अधिनियम की तर्ज पर तीस कर्मियों वाले संस्थानों को इसके दायरे में लाने की मांग की थी।
नियोक्ता की जिम्मेदारी: नियुक्ति के समय नियोक्ता को महिला कर्मचारी को इस अधिनियम की जानकारी देनी होगी। उन्हें प्रसूति अवकाश और लाभों के बारे में भी बताना होगा।
कहां लागू होगा: दस से अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों में यह प्रावधान लागू होगा। मूलत: ईएसआई की दायरे में आने वाले संस्थान इसके दायरे में होंगे।
एक साल की सजा: श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने वाले नियोक्ताओं को जुर्माने के अलावा एक साल तक की सजा का प्रावधान है।