SAARC सम्मेलन पर छाए संकट के बादल, हिस्सा नहीं लेंगे PM मोदी
पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया में अलग-थलग करने की रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन...
पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया में अलग-थलग करने की रणनीति के तहत केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं, भारत ने पाक को उरी हमले में उसकी संलिप्तता के पुख्ता सबूत भी सौंप दिए।
आतंकवाद बढ़ा रहा : विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि एक देश सीमापार से लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। इतना ही नहीं, दूसरे देशों के घरेलू मामलों में भी हस्तक्षेप किया जा रहा है। ऐसे में यह उम्मीद रखना बेमानी है कि पाकिस्तान 19वें सार्क सम्मेलन का आयोजन सफलता पूर्वक कर पाएगा। इसीलिए भारत इसमें शामिल नहीं होगा। उधर, इस्लामाबाद ने भारत के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
बासित को तलब किया : इस बीच भारत ने पाक के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर उन्हें उरी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता सबूत सौंपे। विदेश सचिव एस जयशंकर ने बासित को पीओके के रहने वाले आतंकियों के दो गाइडों और जिंदा पकडे़ गए लश्कर आतंकी अब्दुल कयूम का ब्योरा दिया। बासित को बताया गया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि मारे गए चार आतंकियों में से एक हाफिज अहमद था। वह पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद के धारबांग का निवासी है।