फोटो गैलरी

Hindi Newsनासिक: त्रिकोणीय मुकाबले में भुजबल

नासिक: त्रिकोणीय मुकाबले में भुजबल

महाराष्ट्र के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र नासिक में इस बार लोगों को एक बार फिर पुराने दिग्गजों में से एक का चुनाव करना है। जाहिर है प्रमुख प्रत्याशियों की छवि बड़ी भूमिका निभाएगी। एनसीपी, शिवसेना और...

नासिक: त्रिकोणीय मुकाबले में भुजबल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 19 Apr 2014 08:39 PM
ऐप पर पढ़ें

महाराष्ट्र के प्रमुख व्यावसायिक केंद्र नासिक में इस बार लोगों को एक बार फिर पुराने दिग्गजों में से एक का चुनाव करना है। जाहिर है प्रमुख प्रत्याशियों की छवि बड़ी भूमिका निभाएगी।

एनसीपी, शिवसेना और आप में संघर्ष


महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने उन्हें नासिक से टिकट दिया है। उनके सामने पिछले लोकसभा चुनाव में यहां पर दूसरे नंबर पर रहे उम्मीदवार हेमंत गोडसे हैं। वर्ष 2009 में गोडसे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार वह शिव सेना की ओर से चुनाव मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां से इंजीनियर विजय पंधारे को टिकट दिया है। पंधारे ने महाराष्ट्र में सिंचाई घोटाले का खुलासा किया था। एमएनएस ने इस बार डॉ. प्रदीप पवार को चुनाव मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल जीते थे।
लोकसभा की इस सीट के महत्व को सिर्फ इसी बात से समझा जा सकता है कि चुनाव प्रचार के लिए पार्टियों के बड़े-बड़े नेता यहां पहुंच चुके हैं।

यहां पर अब तक एनसीपी प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती भी चुनाव प्रचार कर चुकी हैं। जल्द ही एमएनएस के प्रमुख राज ठाकरे भी यहां रैली का आयोजन करेंगे। विजय पंधारे के बारे में माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने की वजह से उन्हें पढ़े-लिखे और नौजवानों के वोट मिल सकते हैं। इस लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभाएं आती हैं, जिनमें से चार (नासिक पूर्व, नासिक पश्चिम, नासिक सेंट्रल और देवोलाली) में शहरी क्षेत्र अधिक हैं। पंधारे इन क्षेत्रों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सिंचाई विभाग में हुए घोटाले को लेकर छगन भुजबल और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ अभियान चलाया था।

इस अभियान के फलस्वरूप सरकार को 55 इंजीनियर हटाने पड़े थे और मामले की जांच को एक कमेटी गठित हुई थी। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हर रैली में अपील करते हैं कि अब समय आ गया है कि अच्छे लोगों को संसद में भेजा जाए। सभी आरोपों को नकारते हुए छगन भुजबल आम आदमी पार्टी को कोई खतरा नहीं मानते हैं। कुछ दिनों पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि मेरे ऊपर आज तक कोई आरोप सही नहीं पाया गया है। उनका कहना था कि कुछ लोग जान बूझकर मेरी और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा पर दाग लगाने की कोशिश करते हैं। इस काम में मीडिया भी ऐसे लोगों का साथ देता है। उनके मुताबिक आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार उनके लिए खतरा नहीं हैं। सत्ता विरोधी लहर के बारे में उनका कहना था कि यहां कोई सत्ता विरोधी या किसी के पक्ष में कोई लहर नहीं है। मेरे भतीजे समीर ने यहां बेहतरीन काम किया है। नासिक में एयरपोर्ट, सड़कें, अस्पताल आदि सभी विकास कार्य हुए हैं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि मतदाता किसी राजनीति में न पड़ते हुए विकास के लिए वोट देंगे। उनका कहना था कि मुझे अपनी जीत का पूर्ण विश्वास है। वर्ष 2009 में समीर की तरह ही छगन भी शिवसेना के मतों में बिखराव पर अपनी नजर लगाए हुए हैं। हालांकि शिवसेना के बड़े नेता इस बात से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि 2009 में एमएनएस का प्रभाव सर्वोच्च स्थान पर था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। शिवसेना के सभी वोट एक साथ रहेंगे। पिछली बार हेमंत गोडसे एमएनएस के टिकट पर ही लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वह शिवसेना के साथ हैं। गोडसे पिछली बार समीर भुजबल से बहुत कम अंतर से चुनाव हारे थे। गोडसे के बारे में भुजबल का कहना है कि वह अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन लोग मुझे ही अपना मत देंगे।

इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि यहां के लोग विकास चाहते हैं और एनसीपी उसके लिए प्रतिबद्ध है। हम जल्द से जल्द यहां और अधिक उद्योगों को लाने की कोशिश करेंगे ताकि नासिक का विकास भी मुंबई और पुणे की तर्ज पर हो सके। यहां की जनसंख्या में 25 फीसदी मराठे और 25 प्रतिशत ओबीसी हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें