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जासूसी लेखन की साम्राज्ञी अगाथा क्रिस्टी

अगाथा क्रिस्टी का जासूस नायक हरकूल पायरो छोटे कद का नुकीली मूछों वाला शख्स है, जो दूध में चॉकलेट मिला कर पीने का शैकीन है, लेकिन इसने अगाथा क्रिस्टी को दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली जासूसी...

जासूसी लेखन की साम्राज्ञी अगाथा क्रिस्टी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 12 Sep 2015 07:43 PM
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अगाथा क्रिस्टी का जासूस नायक हरकूल पायरो छोटे कद का नुकीली मूछों वाला शख्स है, जो दूध में चॉकलेट मिला कर पीने का शैकीन है, लेकिन इसने अगाथा क्रिस्टी को दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली जासूसी उपन्यास लेखिका बना दिया। 15 सितंबर को अगाथा क्रिस्टी के 125वें जन्मदिन पर उन्हें याद कर रहे हैं रवींद्र त्रिपाठी


अगाथा क्रिस्टी (जन्म 15 सितंबर 1990 और निधन 12 जनवरी 1976) जासूसी कथा लेखन की साम्राज्ञी थीं। हालांकि उन्होंने नाटक भी लिखे। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाने वाले 'द माउसट्रैप' के अलावा 'द हॉलो' और 'वर्डिक्ट' उनके अन्य मशहूर नाटक हैं। 66 जासूसी उपन्यासों और 15 कहानी संग्रहों के अलावा उन्होंने मेरी वेस्टमाकोट उपनाम से छह रोमांटिक उपन्यास भी लिखे, पर अगाथा क्रिस्टी का नाम जासूसी कथा लेखन का ही पर्याय रहा। जिस मुख्य जासूस किरदार हरकूल पायरो की रचना उन्होंने की, वो काल्पनिक होते  हुए इतना जीवंत हो गया कि जब 'कर्टेन्स: पायरोज लास्ट केस' में उसकी मृत्यु दिखाई गई तो अमेरिका के न्यूयॉर्क टाइम्स में उनके निधन की खबर छपी और उस पर शोकलेख (ऑबिचुअरी) भी। मिस मार्पल अगाथा क्रिस्टी की दूसरी जासूस रही, पर दंतकथा होने का गौरव  पायरो को मिला।

हरकूल पायरो बेल्जियम मूल का जासूस है, जो लंदन में रहता है। पायरो बड़ा ही सुसंस्कृत है। उसकी नुकीली मूछें हमेशा चुस्त दुरुस्त रहती हैं। पायरो हमेशा सजा-धजा रहता है और चॉकलेट पीने का शौकीन है। उसकी सबसे बड़ी ताकत है उसके दिमाग की भूरी कोशिकाएं, जिसे अंग्रेजी में 'लिटल ग्रे सेल्स' कहते हैं। इनके बूते ही पायरो जटिल से जटिल हत्या के मामले हल करता है। वह हमेशा कहता है कि अपने ग्रे सेल्स का इस्तेमाल करो। पायरो हत्याओं और घटनाओं के आसपास की चीजों का अवलोकन करता है, अनुमान लगाता है, सूक्ष्म और बारीक निगाहों से चीजों की पड़ताल करता है और फिर निष्कर्ष पर पहुंचता है और हत्यारे की पहचान कर लेता है।

हरकूल पायरो का चरित्र फिल्मों और टीवी सीरियलों में भी काफी लोकप्रिय हुआ। पूछा जा सकता है कि आखिर अगाथा क्रिस्टी ने एक बेल्जियम मूल के जासूस की कल्पना क्यों की, जबकि वे खुद इंग्लैंड की थीं? कहा जाता है, जब बेल्जियम पर जर्मनी का अधिकार हो गया था तो उसे लेकर ब्रितानी समाज में इस देश को लेकर सहानुभूति थी। शायद यही वजह थी कि अगाथा क्रिस्टी ने अपने कल्पित जासूस को बेल्जियम का बताया। उनके उपन्यासों का माहौल अक्सर बहुत शांत और सुंदर होता है, जिस वजह से अपराध ज्यादा भयावह मालूम देता है। अगाथा क्रिस्टी के बारे में जानकारों का कहना है कि आग्नेयास्त्रों के बारे में उनकी जानकारी कुछ खास नहीं थी, लेकिन विष के बारे में काफी गहराई से जानती थीं।

उनके बचपन का नाम अगाथा मेरी क्लैरीसा मिलर था। अगाथा की आरंभिक पढ़ाई घर पर हुई यानी वे स्कूल नहीं गईं। वे बेहद पढ़ाकू थीं और बचपन में ही लिखने लगी थीं। उनकी दो शादियां हुई। उनके पहले पति का नाम आर्किबाल्ड क्रिस्टी था। ये शादी 1914 में हुई 1928 में दोनों का तलाक भी हो गया। वजह थी मिस्टर क्रिस्टी का किसी और औरत से प्रेम। लेकिन तलाक के लगभग डेढ़ साल पहले, 1926 में, अगाथा एक दिन गायब हो गई और उनकी गुमशुदगी की वजह से बड़े पैमाने पर उनकी खोजबीन शुरू हुई। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद वे एक होटल में पाई गईं। कहा गया था कि उनको मानसिक बीमारी हो गई। लेकिन इसे लेकर और कई तरह की अटकलें थीं।

कुछ लोगों का कहना था कि अगाथा इसलिए जान-बूझ कर घर से गायब हो गईं कि उनके पति को फिर से उनसे प्यार हो जाए और दूसरी औरत से उनका ध्यान हट जाए। पर ऐसा नहीं हुआ और क्रिस्टी ने आखिरकार तलाक दे ही दिया। दूसरी अटकल ये थी कि अगाथा इसलिए गायब हुई कि उनके और उनके लेखन के बारे में लोगों की जिज्ञासा बढ़े और उनकी किताबों की बिक्री बढ़ जाए। और ऐसा हुआ भी। इसके बाद अचानक उनकी ख्याति बढ़ गई और किताबों की मांग भी। खैर, अगाथा के गायब होने की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं सकी है और इसके लिए कोई हरकूल पायरो चाहिए, जो अब हमारे बीच नहीं।

अगाथा क्रिस्टी के दूसरे पति मैक्स मेलोवान थे, जो ब्रिटेन के मशहूर पुरातत्त्ववेत्ता थे। अगाथा क्रिस्टी का मशहूर कथन कि- 'एक पुरातत्त्ववेत्ता किसी औरत के लिए सबसे अच्छा पति है, क्योंकि औरत जितनी ही ज्यादा उम्रदराज होती जाती है, उसके पुरातत्त्ववेत्ता पति की रुचि उसमें उतनी ही ज्यादा बढ़ती जाती है।' दूसरे पति के साथ अगाथा क्रिस्टी ने कई प्राचीन पुरातात्त्विक महत्व की जगहों की यात्रा की। वैसे तो अगाथा क्रिस्टी की कई रचनाएं मशहूर हुईं, पर उनकी जिस किताब को सबसे अधिक शोहरत मिली, वो है- 'मर्डर ऑन द ओरिएंट एक्सप्रेस'। ये 1934  में लिखी गई और 1974 में इस पर फिल्म बनी। इस कहानी का ताना-बाना कुछ ऐसा है कि पाठक को अचरज में डालता है और लेखिका की शानदार कल्पनाशीलता की मिसाल पेश करता है। संक्षेप में इसकी कथा इस प्रकार है-
हरकूल पायरो इस्तांबुल आता है और अकस्मात ही उसे किसी खास कारण से लंदन लौटना है। पायरो ओरिएंट एक्सप्रेस में अपना टिकट आरक्षित कराता है। इसी ट्रेन में उसकी मुलाकात एक धनी आदमी मिस्टर रैचेट से होती है, जो पायरो से कहता कि मेरी (रैचेट की) जान को खतरा है और वो यानी पायरो उसका मामला हाथ में ले, जिससे उसे सुरक्षा मिले। लेकिन पायरो का जवाब है- 'मुझे तुम्हारा थोबड़ा पसंद नहीं, इसलिए मैं ऐसा नहीं करूंगा।' यात्रा की दूसरी रात रैचेट की हत्या हो जाती है। अब पायरो को इस मसले पर ध्यान देना पड़ता है और वो तहकीकात करना शुरू करता है। रैचेट की हत्या अजीब ढंग से हुई थी। पायरो पाता है कि रैचेट के शरीर पर घाव के बारह निशान हैं। पर वे एक जैसे नहीं है। धीर-धीरे गुत्थी सुलझने की बजाए उलझती जाती है, क्योंकि पायरो को लगता है कि कुछ घाव दाएं हाथ से किए गए हैं और कुछ बाएं हाथ से। कुछ घाव गहरे हैं और कुछ हल्के।

हत्यारा एक है या अनेक? जवाब आसान नहीं है। रहस्य गहराता जाता है। फिर अपनी अदा और शैली में पायरो इस निष्कर्ष पर पहुंचता है और बारह लोगों ने रैचेट पर वार किए। दरअसल रैचेट का नाम कसेट्टी था और कुछ साल पहले उसने तीन साल की  डेजी आर्मस्टांग नाम की बच्ची का अपहरण किया था और फिरौती की रकम मिलने के बावजूद उसकी हत्या कर दी। इस अपराध में कसेट्टी पकड़ा गया, पर जोड़तोड़ की वजह से कानून के शिकंजे से बच गया। डेजी की हत्या के समय उसकी मां फिर से गर्भवती थी, लेकिन सदमे की वजह से मर गई और उसके बाद उसका पिता। पूरा परिवार बिखर गया। इसी परिवार के नजदीकी रिश्तेदार और परिचित कसेट्टी या रैचेट से बदला लेते हैं और ट्रेन में उसकी हत्या करते हैं। हरकूल पायरो की अनुमान क्षमता और तर्कबुद्घि को दिखाने वाला ये उपन्यास आज भी पाठकों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

कुछ दिलचस्प तथ्य
- अगाथा क्रिस्टी को सर्वाधिक लोकप्रिय जासूसी उपन्यासकार माना जाता है। बताया जाता है कि द बाइबल और शेक्सपियर की रचनाओं के बाद सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबें अगाथा क्रिस्टी की हैं। उनके उपन्यासों की दो अरब से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं। 'एंड देन देअर वेअर नन' उपन्यास की एक करोड़ से ज्यादा प्रतियां बिकी हुई बताते हैं।
- क्राइम राइटर्स असोसिएशन ने क्रिस्टी के 'द डेथ ऑफ रोजर एकयार्ड' को एक जनमत संग्रह में अब तक का सर्वश्रेष्ठ जासूसी उपन्यास घोषित किया।
- उनके नाटक 'माउसट्रैप' के शो वेस्ट एंड के 'एंबेसेडर थियेटर' में 25 नवंबर 1952 से शुरू हुए और आज तक जारी हैं। इस नाटक के 25,000 से ज्यादा शो हो चुके हैं।
- अगाथा क्रिस्टी दुनिया की सबसे ज्यादा भाषाओं में अनूदित होने वाली लेखिका हैं। उनके उपन्यास 103 भाषाओं में अनूदित हुए हैं।
- उनके उपन्यासों पर 22 फिल्में और कई टेलीविजन सीरियल बने हैं। दुनिया की अनेक भाषाओं में उनके उपन्यासों के कथानक पर आधारित फिल्मों की गिनती करना असंभव है। हिंदी में 'गुमनाम' और 'धुंध' जैसी फिल्मों की कहानियां अगाथा क्रिस्टी के उपन्यासों से ली गई हैं।

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