प्रॉपर्टी टैक्स
हालिया आई एक खबर के मुताबिक संपत्ति कर बकाया वसूलने में एनडीएमसी फिसड्डी साबित हुई है। हजारों संपत्तियों पर परिषद का अरबों रुपया बकाया है। अपने इलाके में सुविधाएं देने के लिए एनडीएमसी क्षेत्र में...
हालिया आई एक खबर के मुताबिक संपत्ति कर बकाया वसूलने में एनडीएमसी फिसड्डी साबित हुई है। हजारों संपत्तियों पर परिषद का अरबों रुपया बकाया है। अपने इलाके में सुविधाएं देने के लिए एनडीएमसी क्षेत्र में स्थित सभी संपत्तियों से कर वसूलती हैं। कुछ महीनों पहले दिल्ली एमसीडी (म्युनिस्पिल कॉर्पोरेशन ऑफ दिल्ली) ने राजधानी की ग्रामीण आबादी को उनकी रिहायशी जमीन पर प्रॉपर्टी टैक्स न अदा करने की छूट दे दी है। लेकिन प्रॉपर्टी टैक्स क्या है और इसके मुख्य गुणधर्म क्या हैं। प्रॉपर्टी टैक्स, को प्रॉपर्टी (सामान्यत: रियल इस्टेट) के मालिक द्वारा अदा किया जाता है। टैक्स का अनुमान प्रॉपर्टी मूल्य के आधार पर लगता है। प्रॉपर्टी मुख्यत: भूमि, भूमि सुधार, पर्सनेलिटी (मानव द्वारा निर्मित चल वस्तु)।
फीचर : भारत में प्रॉपर्टी के वास्तविक मालिक ही इस टैक्स को जमा करता है जबकि यूनाइटेड किंगडम में किराएदार भी यह टैक्स भरने के उत्तरदाई होते हैं। भारत में प्रॉपर्टी टैक्स वार्षिक आधार पर लिया जाता है। सामान्यत: प्रॉपर्टी टैक्स उचित किराए के आधार पर लगाया जाता है। उचित किराया ही वास्तविक किराया होता है, अगर इसे सही पाया जाता है। अकसर लोग प्रॉपर्टी टैक्स और निर्धारण कर को एक समझते हैं, लेकिन यह दोनों अलग-अलग होते हैं। नॉन रेंटल प्रॉपर्टी होने की स्थिति में प्रॉपर्टी की वैल्यू का आकलन लोकल टैक्स रेट के आधार पर निकाला जाता है।
अमेरिका में प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य का होता है। दिल्ली में आप प्रॉपर्टी टैक्स को ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। प्रॉपर्टी की मॉनीटरी वैल्यू का आकलन संबंधित अथॉरिटी द्वारा किया जाता है, जो सामान्यत: नगरपालिका के आधीन काम नहीं करती।