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आईएईए

आईएईए (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी)एक स्वायत्त विश्व संस्था है, जो इस बात की निगरानी करती है कि परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग हो। वह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को हरसंभव रोकने की कोशिश करती...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 05 Oct 2009 09:54 PM
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आईएईए (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी)एक स्वायत्त विश्व संस्था है, जो इस बात की निगरानी करती है कि परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग हो। वह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को हरसंभव रोकने की कोशिश करती है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का गठन 29 जुलाई, 1957 को हुआ था। इसका मुख्यालय वियना, आस्ट्रिया में है।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने 1986 में रूस के चेरनोबल में हुई नाभिकीय दुर्घटना के बाद अपने नाभिकीय सुरक्षा कार्यक्रम को विस्तार दिया है। वर्तमान में इसके सेक्रेटरी मिस्र मूल के मोहम्मद अलबरदेई हैं। अलबरदेई को वर्ष 2005 का शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है। इसके पहले सेक्रेटरी जनरल डब्लयू.स्टíलंग कोल(1957-1961) थे।

संरचना एंव कार्य: आईएईए सीधे तौर पर तो संयुक्त राष्ट्र के नियंत्रण में नहीं है, लेकिन इसे महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देनी होती है। आईएईए के मुख्यत: तीन अंग हैं-बोर्ड ऑफ गर्वनर्स, जनरल कांफ्रेंस,सेकेट्रेरिएट। बोर्ड ऑफ गर्वनर्स में सदस्यों की संख्या 35 होती है, जिनमें से 13 सदस्य आउटगोइंग बोर्ड से लिए जाते हैं, जबकि शेष 22 सदस्यों का चुनाव जनरल कांफ्रेंस करती है। बोर्ड ऑफ गर्वनर्स का मुख्य कार्य आईएईए की नीतियों का निर्धारण करना है।

आईएईए बजट का प्रस्ताव जनरल कांफ्रेस के सामने रखता है। इसके अलावा इसे डाइरेक्टर जनरल का भी चुनाव करना होता है। जनरल कांफ्रेंस की प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में बैठक होती है, जिसमें बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा प्रस्तावित बजट और कार्यो की सहमति प्रदान की जाती है। सेक्रेटेरिएट का मुखिया डाइरेक्टर जनरल होता है। यह जनरल कांफ्रेंस और बोर्ड ऑफ गर्वनर्स द्वारा लाए गए प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने के लिए उत्तरदायी होता है।

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