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वीओआईपी

ट्रांसमिशन तकनीक के लिए वीओईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में वॉयस कम्युनिकेशन इंटरनेट या पैकेट स्विच नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। अकसर इंटरनेट टेलीफोनी,...

वीओआईपी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 06 Sep 2009 11:11 PM
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ट्रांसमिशन तकनीक के लिए वीओईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक में वॉयस कम्युनिकेशन इंटरनेट या पैकेट स्विच नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। अकसर इंटरनेट टेलीफोनी, आईपीटेलीफोनी को वीओईपी के समानरूप में प्रयोग किया जाता है। अगर इंटरनेट ब्रॉडबैंड नेटवर्क के माध्यम से चल रहा है, तो इसे ब्रॉडबैंड टेलीफोनी व ब्रॉडबैंड फोन कहते हैं। 

फायदा
- वीओईपी कम्युनिकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर की कीमत कम कर देता है।
- स्पीच डाटा कंप्रेशन तकनीक द्वारा यह डाटा रेट कम करता है।
- वीओईपी का डुप्लीकेट नेटवर्क सिस्टम बनाना आसान नहीं है।
- एक ब्रॉडबैंड कनेक्शन पर एक ही समय में एक से ज्यादा टेलीफोन कॉल को ट्रांसमिट कर सकते हैं। इससे वीओईपी के रूप में आपको अतिरिक्त टेलीफोन लाइन मिल जाती है।
- वीओईपी को दूसरी सर्विस के साथ जोड़कर देखा जा सकता है जैसे वीडियो मैसेज का आदान-प्रदान, मैसेज, डाटा फाइल ट्रांसफर, ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं।
- एडवांस टेलीफोनी फीचर जैसे कॉल रूटिंग, स्क्रीन पॉप और आईवीआर की सुविधा उपलब्ध होती है।
- जहां आम टेलीफोन सीधे टेलीफोन कंपनी की फोन लाइन से जुड़े होते हैं जो अकसर कई कारणों से बेकार हो जाते हैं, तो वहीं वीओईपी सीधे सर्वर रूटर से जुड़े होते हैं, जिसकी वजह से उनकी खराब होने की संभावना कम होती है।
- नेटवर्क व्यस्त रहने सरीखी शिकायत आईपी नेटवर्क में सामान्यत: नहीं होती।

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