डिजिटल आर्ट
आमतौर पर कला को हम पेंटिंग, ड्राइंग और स्थापत्य के रूप में देखते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, डिजिटल आर्ट, कला का वह नया रूप है, जिसमें कोई कृति तैयार करने के लिए हम डिजिटल टेक्नोलॉजी का सहारा...
आमतौर पर कला को हम पेंटिंग, ड्राइंग और स्थापत्य के रूप में देखते हैं। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, डिजिटल आर्ट, कला का वह नया रूप है, जिसमें कोई कृति तैयार करने के लिए हम डिजिटल टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हैं।
इसमें कम्प्यूटर आधारित टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर हम असंख्य तरह के डिजाइन तैयार कर सकते हैं। इसे मीडिया आर्ट भी कहते हैं। डिजिटल आर्ट में किसी कृति को तैयार करने के लिए हम गैर पारंपरिक तरीकों की बजाय आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हैं। कम्प्यूटर ग्राफिक्स, एनिमेशन, वचरुअल और इंटरएक्टिव आर्ट जैसे नए क्षेत्र इसके ही अंग हैं।
आज डिजिटल आर्ट की परिभाषा और सीमाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। 1960 के दशक में कम्प्यूटर के आने के साथ ही कला के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ने लगा था। उसके बाद जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आधुनिक होती गई, कलाकारों ने इसकी मदद से नए डिजाइन बनाने शुरू किए। इंटरनेट के आने के बाद इस दिशा में खासी तरक्की हुई। तमाम तरह की वेबसाइट्स में एनीमेशन और अन्य ढेरों डिजाइन होते हैं। उनमें यह सुविधा भी होती है कि उन्हें संगीतबद्ध किया जा सके।
डिजिटल आर्ट की मदद से कला को लेकर बेहिसाब प्रयोग हो सकते हैं। यह इसके बढ़ते प्रभाव और उपयोग का ही नतीजा है कि अब कॉलेजों में उसे मीडिया के पाठय़क्रम में शामिल किया जा रहा है। समाज में खासकर युवाओं में यह विधा तेजी से अपनी पैठ बना रही है। कला के पुराने और नए रूपों का मिश्रण होने के कारण हर वर्ग डिजिटल आर्ट को जानना और समझना चाहता है।
इससे तैयार होने वाली कृतियों के लिए अलग से संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। दरअसल डिजिटल आर्ट ने कला को पहले से ज्यादा लोकप्रिय बनाने का काम भी किया है। तकनीक की मदद से पुरानी कला या डिजिटल आर्ट से तैयार कृति को इंटरनेट के माध्यम से दुनिया में कहीं भी देखा जा सकता है।