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एचडीएमआई

एचडीएमआई यानी हाई डेफिनिशन मल्टीमीडिया इंटरफेस 1.3 पुराने एचडीएमआई का नया वर्जन है जिसमें भविष्य की टेलीविजन और अन्य एचडीएमआई तकनीकी में कई नई सुविधाएं हैं। एचडीएमआई 1.3 में बैंड केबल्स में बेहतर...

एचडीएमआई
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 12 May 2010 09:52 PM
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एचडीएमआई यानी हाई डेफिनिशन मल्टीमीडिया इंटरफेस 1.3 पुराने एचडीएमआई का नया वर्जन है जिसमें भविष्य की टेलीविजन और अन्य एचडीएमआई तकनीकी में कई नई सुविधाएं हैं। एचडीएमआई 1.3 में बैंड केबल्स में बेहतर बैंड विड्थ, हायर कंट्रास्ट और कलर प्लेट्स, हैंडहैल्ड डिवाइसों के लिए छोटी कनेक्टर केबल और ऑडियो/वीडियो सिंक्रोनाइजेशन के लिए विशेष तकनीक।

एचडीएमआई 2002 में डिजिटल विजुअल इंटरफेस के साथ काम करने वाले कनेक्टर के तौर पर निर्मित किया गया था। अपनी शुरुआत के बाद से एचडीएमआई फॉर्मेट में अनेक अपग्रेड हुए हैं और प्रत्येक वर्जन में फीचर और परफॉरमेंस बेहतर हुई है।

इसका 1.3 वजर्न 2006 में रिलीज हुआ था जिसमें एचडीएमआई कनेक्टरों के साथ सिंगल लिंक बैंडविड्थ को 165 से बढ़ाकर 340 मेगाहट्र्ज किया गया था। यह बदलाव सूचना को एचडीएमआई केबलों के माध्यम से अधिकाधिक तेजी से भेजने के लिए किया गया था। साथ ही यह डीप कलर, हायर रेजोल्यूशन और हायर वीडियो फ्रेम रेट्स जैसे फीचर वाले एचडीटीवी के फायदे के लिए भी निर्मित किया गया था।

नए वर्जन में डीप कलर सपोर्ट बेहतर रंगों के लिए इस्तेमाल किया गया था। इससे 30, 36 और 48 बिट कलर डेप्थ की सुविधाएं सामने आई। एचडीटीवी और ऐसी अन्य डिवाइस में इससे रंगों की क्षमता बेहद बढ़ गई थी।
छोटी डिवाइसों जैसे हैंड हेल्ड कैमरा और एचडीएमआई के बीच कनेक्शन के लिए एक नया मिनी कनेक्टर भी जारी किया गया है।
 
एचडीएमआई 1.3 में लिप सिंक या सिंक्रोनाइजेशन तकनीक भी पिक्चर और साउंड में बेहतरी के लिए लाई गई। पिक्चर के अधिकाधिक जटिल होते जाने पर उसे साफ ध्वनि सहित लोगों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। एचडीएमआई 1.3 ने उपकरणों की क्षमता बढ़ाई और उत्पादकों के लिए इसका निर्माण भी अधिक जटिल नहीं रहा।

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