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...देर न हो जाए

सोते हुए सपने तो देखे जा सकते हैं, पर उन्हें पूरा करने के लिए जागना पड़ता है। थोड़ी देर और सोते रहने का सुख हमें समय पर जागने नहीं देता। हमारी कई इच्छाएं पूरी नहीं होतीं और आधे-अधूरे कामों की लिस्ट...

...देर न हो जाए
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 29 May 2016 09:59 PM
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सोते हुए सपने तो देखे जा सकते हैं, पर उन्हें पूरा करने के लिए जागना पड़ता है। थोड़ी देर और सोते रहने का सुख हमें समय पर जागने नहीं देता। हमारी कई इच्छाएं पूरी नहीं होतीं और आधे-अधूरे कामों की लिस्ट बढ़ती जाती है। सही समय पर फैसलों में देरी का असर हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। कभी रिश्ते बिखर जाते हैं तो कभी सेहत, तो कभी आर्थिक हालात।

मोटिवेशनल स्पीकर एंथोनी रॉबिन्स 'अवेकन द जाइंट विदिन' में  कहते हैं, ' क्या जरूरी है, कहां फोकस करना है और मंजिल तक पहुंचने के लिए क्या करना होगा, ये तीन फैसले हमारी जिंदगी को बनाते या बिगाड़ते हैं। सफल और असफल के बीच अंतर ये फैसले ही पैदा करते हैं।'  

वेल्यू सिस्टम को बदलना 
एक बार पीछे मुड़कर देखें। पाएंगे कि कितनी ही परेशानियों को अच्छे फैसलों से टाला जा सकता था। स्पिरिचुअल व मोटिवेशनल गुरु  स्वामी सुखबोधानंद फैसलों की सजगता को 'वैल्यू सिस्टम' से जोड़ते हैं। वे कहते हैं, 'अगर आप सोचते हैं कि जिंदगी में कुछ तय नहीं किया जा सकता। आप बस परिस्थितियों के प्रवाह में बहते जाने को मजबूर हैं तो आप कभी भी अपनी स्थितियों को बदल नहीं सकते।'

एक विद्यार्थी के लिए जरूरी है कि वह दोस्तों और सोशल मीडिया से ज्यादा पढ़ाई को महत्व दे। रिश्ते बेहतर बनाने हैं तो सहयोग, बड़प्पन, करुणा और ईमानदारी जैसे मूल्यों को अपनाए। मियामी में माइंडसेट कोच जेनिफर एलिस का मानना है कि गलत दिशा में जितना भी आगे बढ़ जाएं, वापसी के लिए कभी देर नहीं होती। कई बार अपने सपनों की दिशा में छोटा सा कदम बढ़ाना वापस हमें उस जिंदगी की ओर ले आता है, जो हम चाहते हैं। 

 

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