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जो भी होगा देखा जाएगा 

आगे क्या होगा? कई बार हम खुद को इस सवाल से घिरा पाते हैं। कहां जा रहे हैं, कुछ गलत तो नहीं होगा। हम सब जान लेना चाहते हैं। पर जिंदगी कहां हर जवाब तुरंत देती है। बेहतर है कि बेचैनी छोड़ दें, क्योंकि हर...

जो भी होगा देखा जाएगा 
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 22 May 2016 07:51 PM
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आगे क्या होगा? कई बार हम खुद को इस सवाल से घिरा पाते हैं। कहां जा रहे हैं, कुछ गलत तो नहीं होगा। हम सब जान लेना चाहते हैं। पर जिंदगी कहां हर जवाब तुरंत देती है। बेहतर है कि बेचैनी छोड़ दें, क्योंकि हर अनजान रास्ते पर ही आपकी अगली खुशी इंतजार कर रही होती है।

पा, हम पेड़ बो रहे हैं ना? 
नहीं बेटा, हम बीज बो रहे हैं।
पा, क्या हर बीज पेड़ बनता है?
हां बेटा, ज्यादातर बीज समय आने पर पेड़-पौधे बन ही जाते हैं। 
पा, अगर यह बीज पेड़ नहीं बना तो?
देखा जाएगा बेटा। यह भी तो हो सकता है कि यही पेड़ सबसे फलदार हो...

अनिश्चितताओं और संभावनाओं की यह कशमकश जीवनभर चलती रहती है।  जन्म, पढ़ाई, करियर, प्यार, शादी कोई भी क्षेत्र हो। नई दिशा में कदम बढ़ाने से पहले कई सवाल खड़े होने लगते हैं। कई बार तो सब ‘परफेक्ट प्लानिंग’ से चल रहा होता है। रास्ते भी पहचाने हुए होते हैं। तब भी अनिश्चितताएं साथ नहीं छोड़तीं। पर क्या हम काम करना छोड़ देते हैं?  मोटिवेशनल स्पीकर टॉनी रॉबिन्स कहते हैं, ‘यही क्षण होते हैं जब कोई संभावनाओं के नए क्षितिज ढूंढ़ लेता है। और कोई अपनी ही आशंकाओं में कैद होकर रह जाता है। कुछ तय और स्थिर न होना ही भौतिक व आत्मिक विस्तार की नई राहें खोलता है। यही  अनिश्चितताओं की खूबसूरती है।’ 

डर से बाहर आएं 
कुछ भी हो सकता है और कुछ गलत ही होगा। इन दोनों में अंतर है। एक में उम्मीद है, तो दूसरे में आशंका। जबकि कुछ भी निश्चित न होना बताता है कि कुछ भी हो सकता है। प्रश्न उठता है कि जब कुछ तय नहीं है तो फिर  सपने देखने और योजना बनाने का क्या अर्थ है? फिलेडेल्फिया की टैंपल यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर जॉन एलेन पाउलोज कहते हैं, ‘अनिश्चितता ही एकमात्र निश्चितता है और यह जानना कि संकट का सामना कैसे करना है, एकमात्र सुरक्षा है।’ एक बार अपने ही जीवन को पीछे मुड़कर देखें। पाएंगे कि भविष्य के लिए आपकी उम्मीद ने ही आपको हर रुकावट का सामना करने में मदद दी है। कई ऐसे मौके दिखाई देंगे, जो यह विश्वास देंगे कि हर समस्या सुलझाई जा सकती है। हर मतभेद दूर किया जा सकता है। यही आत्मविश्वास है।

गुडलाइफजेन डॉट कॉम की संस्थापक मैरी जैक्श कहती हैं, ‘अनिश्चितताएं हमारी शत्रु नहीं हैं। कुछ स्थाई नहीं होना बताता है कि मैं और आप कोई भी जीवन की असीमित संभावनाओं को जान नहीं सकते। जरूरत है तो बस विश्वास की।’ कभी आप अनिश्चितताओं की  तरफ बढ़ते हैं, तो कभी वे आपको ढूंढ़ लेती हैं। यही जीवन है। आपका हर  दिन बीते दिन से अलग है। इसे स्वीकारना ही जीवन को गले लगाना है।

बदलाव से करें दोस्ती 
- अनिश्चितताओं को जीवन का हिस्सा मान लें। इससे हर चीज को आदर्श योजना मानने से बचेंगे। बदलाव से डरने की जगह उनका सामना करेंगे। 
- अपनी स्थितियों को बाहरी व्यक्ति बनकर देखें। अपने डर को देखने, सुनने व समझने की कोशिश करें। अपने डर को किसी से शेयर करें।    
- हर दिन कुछ नया करें। कोई एक ऐसा काम, जिसे करने का मन नहीं, जो मुश्किल लगता हो। इससे बदलावों का स्वागत करना सीखेंगे। 
- घूमें। पैदल चलें। अलग संस्कृति, भाषा और परिवेश में रहने वालों से मिलें। आत्मविश्वास मिलेगा। 
- असफलताओं को अवसर के रूप में देखें। उससे सबक लें। असफल होने का भय ही सबसे बड़ा डर है।
- हमेशा दो लोगों को जीवन में जगह दें, एक वे, जो आपको प्यार करते हैं। दूसरे वे, जिन्हें आप प्यार करते हैं। प्यार करना और कर पाना दोनों ही आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। 
- नियमित ध्यान और व्यायाम करें। 
- प्रकृति के बीच समय बिताएं। जीवन के विस्तार का अनुभव करें। 

 

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