दाऊद के वफादार गुर्गे
टाइगर मेमन माना जाता है कि टाइगर मेमन ही दाऊद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के करीब लाया। 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद उसने कराची में दाऊद के रहने का ठिकाना बनाया। उसके अन्य आतंकी संगठनों के...
टाइगर मेमन
माना जाता है कि टाइगर मेमन ही दाऊद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के करीब लाया। 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद उसने कराची में दाऊद के रहने का ठिकाना बनाया। उसके अन्य आतंकी संगठनों के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं।
छोटा शकील
डी कंपनी का बहुत सारा काम संभालता है। कराची के डिफेंस एरिया में रहता है। अपहरण, वसूली का काम देखता है। सीधे तौर पर दाऊद को रिपोर्ट करता है और भारत, नेपाल, बांग्लादेश में डी कंपनी का कारोबार चलाता है।
अनीस इब्राहिम
दाऊद का छोटा भाई है। दाऊद के बाद डी कंपनी का कर्ताधर्ता यही है। यह दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में डी कंपनी के काम को देखता है। क्रिकेट में सट्टेबाजी का उस्ताद है। यही जावेद मियांदाद को दाऊद के करीब लेकर आया था।
इकबाल कासकर
दाऊद का छोटा भाई और भारत में डी कंपनी का चेहरा माना जाता है इसे। यह मुंबई में रहता है और रियल एस्टेट कारोबार करता है। कहा जाता है कि इसे डी कंपनी से जुड़ी हर जानकारी रहती है। हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन भी करता है।
आफताब बटकी
छोटा शकील का करीबी और आईएसआई के संपर्क में रहता है। भारत में बड़े स्तर पर नकली नोटों का कारोबार चलाता है। पाकिस्तान से यूरोप व अमेरिका तक ड्रग्स पहुंचाने का काम संभालता है। यह दुबई, कराची और खाड़ी देशों में घूमता रहता है। छोटा शकील इस पर काफी भरोसा करता है।
सलीम चिपलुन
शकील के साथ काम करता है। कराची में रहता है और भारत में वसूली आदि का काम कराता है। अपहरण आदि की योजनाएं बनाने का काम इसी का है। कहा जाता है कि जब भी डी कंपनी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देती है तो सलीम से सलाह ली जाती है।
फहीम मचमच
छोटा शकील के प्रमुख गुर्गों में से एक है। डी गैंग के खतरनाक अपराधियों में इसकी गिनती होती है। ये ढाका, काठमांडू और कराची में आता-जाता रहता है। अपहरण के कई मामलों में शामिल रहा है।