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अपनों के लिए निकालें समय

बेटा: पापा, क्या मैं एक प्रश्न पूछ सकता हूं? पिता: हां, पूछो क्या पूछना चाहते हो? बेटा: पापा, आप एक घंटे में कितना कमाते हैं? पापा: इससे तुम्हें कोई मतलब? तुम क्यों ऐसा पूछ रहे हो? बेटा: प्लीज...

अपनों के लिए निकालें समय
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 30 Aug 2015 07:47 PM
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बेटा: पापा, क्या मैं एक प्रश्न पूछ सकता हूं?
पिता: हां, पूछो क्या पूछना चाहते हो?
बेटा: पापा, आप एक घंटे में कितना कमाते हैं?
पापा: इससे तुम्हें कोई मतलब? तुम क्यों ऐसा पूछ रहे हो?
बेटा: प्लीज बताओ कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं?
पापा: अच्छा, मैं एक घंटे में 6000 रुपये कमाता हूं।
बेटा: ओह (उदास होकर सिर नीचे कर लेता है)।
बेटा: पापा, क्या आप मुझे 3000 रुपये उधार दे सकते हैं?
पापा (गुस्से में): तुम पैसे लेने के लिए ही ये बेवकूफी भरे प्रश्न कर रहे थे। मैं तुम्हें फालतू खर्च के लिए पैसा नहीं दूंगा। जाओ और सो जाओ। मैं इसलिए मेहनत नहीं करता। बेटा चुपचाप कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेता है।

कुछ देर बाद आदमी का गुस्सा शांत होता है। वह सोचता है कि हो सकता है कि बच्चे को कुछ जरूरत हो। मैंने तो कारण भी नहीं पूछा। वह बेटे के कमरे में जाता है। 
पिता: बेटा, क्या तुम सो गए?
बेटा: नहीं पापा।
पिता: मुझे लगा कि मैं तुम पर कुछ ज्यादा गुस्सा हो गया हूं। मैं थक गया था। ये लो तुम 3000 रुपये ले लो।
बेटा (खुशी से): शुक्रिया पापा।
बच्चे ने तकिये के नीचे से कुछ रुपये निकाले। पिता ने देखा कि बच्चे के पास पहले से पैसे थे, फिर भी वह मांग रहा था। उन्हें फिर गुस्सा आने लगा।
पापा: यदि तुम्हारे पास पैसे थे, तो तुम्हें और क्यों चाहिए?
बेटा: क्योंकि मेरे पास पूरे रुपये नहीं थे। अब 6000 रुपये हो गए हैं। क्या कल मैं आपका एक घंटा उधार ले सकता हूं? मैं कल रात का खाना आपके साथ खाना चाहता हूं।
बच्चे की बात सुनकर आदमी सन्न रह जाता है। वह बच्चे को गले लगाकर माफी मांगता है।
आप भी ध्यान रखें। खूब मेहनत करें, पर अपनों के साथ समय भी बिताएं। ऐसा न हो कि आपके संसाधन और समय दोनों ही बिना अपनों के साथ जिए हाथ से खिसक जाएं।

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