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नई राह बना रही सोशल मीडिया मार्केटिंग

इंटरनेट अब आपकी जेब में है। किशोर से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय है। एक ओर जहां ऑनलाइन खरीदारी का चलन बढ़ा है, वहीं कंपनियां सोशल साइट्स के जरिए मार्केटिंग करने के नए-नए तरीके खोज...

नई राह बना रही सोशल मीडिया मार्केटिंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 07 Jul 2015 08:20 PM
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इंटरनेट अब आपकी जेब में है। किशोर से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई सोशल मीडिया पर सक्रिय है। एक ओर जहां ऑनलाइन खरीदारी का चलन बढ़ा है, वहीं कंपनियां सोशल साइट्स के जरिए मार्केटिंग करने के नए-नए तरीके खोज रही हैं। यह काम कर रहे हैं सोशल मीडिया मैनेजर्स, जिनकी मांग कॉरपोरेट जगत में बढ़ रही है। आरती मिश्रा की रिपोर्ट


सोशल मीडिया मार्केटिंग इन दिनों करियर के नए विकल्पों में से एक बन कर उभरी है। इस क्षेत्र में तरक्की करने की असीम संभावनाएं हैं। इसके दो कारण हैं। पहला तो यह कि भारत में इस समय 24 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं और दूसरा ये कि भविष्य में इनकी संख्या करीब दस गुना तक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत में 96 करोड़ लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। सस्ते स्मार्टफोन आने से तमाम मल्टीनेशनल कंपनियां इस नए ट्रेंड को अनदेखा नहीं कर सकतीं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसी कंपनी को टिके रहना है तो उसे इस नए डिजिटल माध्यम द्वारा ग्राहकों की जेब से पैसा निकालना होगा। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और ना जाने कितनी सोशल साइट्स बजरिये मोबाइल आपकी जेब में हैं। सोशल साइट्स की उपयोगिता को दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां पहले ही भांप गई थीं। यही कारण है कि  इन पर अपनी कंपनी या उत्पादों का प्रचार करना उन्होंने कुछ साल पहले से ही आरंभ कर दिया है।

क्या है सोशल मीडिया मार्केटिंग
सोशल मीडिया मार्केटिंग तमाम सोशल साइट्स के जरिये किसी कंपनी या उसके उत्पाद की मार्केटिंग का काम है। इसके जरिये कुछ लोग या टीम, किसी खास वस्तु को सोशल साइट्स पर लोकप्रिय बना देते हैं, जिससे उसकी बिक्री में बढ़ोतरी होती है। इसमें सबसे अधिक वे सोशल साइट्स लाभदायक हैं, जिन पर ज्यादा 'ट्रैफिक' आता है। 'ट्रैफिक' यानी उस साइट पर निरंतर आने-जाने वाले लोग। अगर आप भी फेसबुक यूजर हैं तो आपने इस तरह के कई विज्ञापन देखे होंगे। पर सोशल मीडिया मार्केटिंग इन विज्ञापनों से कुछ अलग काम है। इसमें सीधे तौर पर मार्केटिंग करने की बजाय किसी मुहिम के तहत ब्रांडिंग की जाती है।

कंपनियों को मिलता है फायदा
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स किसी भी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति या ग्रुप या कंपनी से सीधे बातचीत का मौका देती हैं। ऐसे में जब कोई कंपनी सोशल साइट पर आती है तो लोग उससे जुड़ी शंकाओं को सीधे तौर पर पोस्ट कर सकते हैं। यही कारण है कि सोशल साइट पर उत्पाद को लोकप्रिय होते समय नहीं लगता। उदाहरण के लिए ट्विटर पर 'री-ट्वीट' और 'री-पोस्ट' के विकल्प किसी भी ग्राहक को वृहद नजरिए से उत्पाद को जांचने का और उसे पसंद या नापसंद करने का मौका देते हैं। इससे लोगों की संख्या में इजाफा होता है और कई जानकारियों का भी आदान-प्रदान होता है। यह मार्केटिंग के दूसरे तरीकों से काफी कारगर है। चूंकि हर व्यक्ति को कंपनी खुद जवाब देती है, इसलिए ग्राहक की कंपनी के प्रति विश्वसनीयता भी बढ़ती है।

लोकप्रियता बढ़ाने का तरीका
इस मार्केटिंग में सिर्फ उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ाना ही मकसद नहीं, बल्कि कई अलग नजरियों से भी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। उदाहरण के लिए 2008 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में बराक ओबामा ने ट्विटर और फेसबुक का जम कर इस्तेमाल किया था और इससे उनकी लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ था। समय-समय पर उनके सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल पेजों को अपडेट किया गया और वे लोगों से सीधे जुड़े रहे। इसी का इस्तेमाल पिछले आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था, जिससे सोशल साइट्स पर उनकी लोकप्रियता बढ़ी थी।

कहां-कहां होती है जरूरत
ट्विटर-
ट्विटर कंपनियों को अपने उत्पादों को प्रमोट करने के लिए 140 कैरेक्टर की सीमा देता है, जिसमें छोटा ट्वीट लिखा होता है। यह ट्वीट सीधे तौर पर उस उत्पाद की वेबसाइट, फेसबुक प्रोफाइल, फोटो, वीडियो आदि से जुड़ा होता है। हालांकि ट्विटर ने अब शब्द-सीमा बढ़ा कर अधिकतम 1000 कैरेक्टर कर दी है।

यू-ट्यूब- इसमें कंपनियां अपने उत्पाद को वीडियो की सहायता से ग्राहकों तक पहुंचाती हैं। उदाहरण के लिए अगर किसी ने कुत्ते की ट्रेनिंग पर शोध किया है तो यह संभव है कि उसे यहां ऐसा वीडियो भी मिल जाए। भारत में हर माह आठ करोड़ लोग यू-ट्यूब पर जाते हैं।

फेसबुक- इसमें किसी भी उत्पाद का वीडियो, फोटो या लंबी सी व्याख्या आदि पोस्ट की जा सकती है। यह सीधे तौर पर ट्विटर से लिंक होता है। 

गूगल प्लस- यहां उत्पाद के साथ गूगल सर्च इंजन का विकल्प भी होता है, जिससे ग्राहक उसके बारे में और जानकारियां सर्च कर सके।

लिंक्डइन- यह कंपनियों को प्रोफेशनल प्रोफाइल बनाने की इजाजत देता है। इसमें भी ट्विटर आदि का लिंक अटैच होता है।

इंस्टाग्राम- मई 2014 तक इंस्टाग्राम के 2 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता थे। इंस्टाग्राम कंपनियों को मौका देता है कि वो लोगों से सीधे तौर पर जुड़ सकें और अपनी बात रख सकें।

टंबलर- यह कंपनी को ब्लॉग बनाने को कहता है, जिसके जरिए ग्राहक उससे खुद संपर्क कर सके।

क्या करना होता है काम
इसमें मुख्य तौर पर दो तरह के काम करने होते हैं- प्रमोशन और मॉनिटरिंग। प्रमोशन के तहत सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रांड के प्रति लोगों में जागरूकता और बिक्री को बढ़ाना, नए उत्पादों का लॉन्च, री-लॉन्च आदि सब सम्मिलित होता है। मॉनिटरिंग में यह समझना होता है कि लोग ब्रांड को कैसे ले रहे हैं और रिस्पॉन्स क्या मिल रहा है। जब आप इस काम की शुरुआत करते हैं या नई नौकरी ज्वाइन करते हैं तो आपसे इन कामों की उम्मीद की जाती है-
- प्लानिंग में सहयोग देना।
- एक्टिव होकर लोगों को रिस्पॉन्स करना।
- नए ट्रेंडस को जान कर उस तरह से काम करना। आने वाले प्रोजेक्ट्स में नए ट्रेंड्स का ध्यान रखना।
- इसके अलावा डिजाइन या डेवलेपर के तौर पर भी काम कर सकते हैं। नए प्रोजेक्ट को यही लोग डिजाइन करते हैं। 

किन्हें मिलती है वरीयता
इस इंडस्ट्री से जुड़े लोग कहते हैं कि वे ऐसे लोगों की तलाश में रहते हैं, जो सोशल मीडिया को अच्छी तरह समझते हों और लोगों से संवाद बनाना जानते हों। आवश्यक नहीं कि आप मार्केटिंग बैकग्राउंड से ही हों। इसमें आपको सोशल मीडिया मार्केटिंग मैनेजर, इमर्जिंग मीडिया एंड कंटेंट मैनेजर, सोशल नेटवर्किंग एंड कम्युनिटीज मैनेजर, सोशल मीडिया मैनेजर आदि कोई भी पोस्ट मिल सकती है।


- नौकरी की तलाश में ऐसे मिलेगी सफलता
सोशल मीडिया मार्केटिंग में कई तरह की एजेंसियां काम करती हैं। इनमें नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर आप खुद भी यह काम शुरू कर सकते हैं। इसमें आगे बढ़ने के लिए इन बातों को ध्यान रखना आवश्यक है।


प्लानिंग सही हो
हर सोशल साइट पर अलग तरह के लोग आते हैं। ऐसे में आपको यह समझना होगा कि किस तरह की साइट पर कैसे लोग अधिक आते हैं। उदाहरण के लिए कुछ समय पहले एक अध्ययन में यह बताया गया था कि ट्विटर को यूज करने वालों की औसत उम्र 28 साल है। फेसबुक पर पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक हैं। इंस्टाग्राम को 18 से 29 साल के लोग ज्यादा यूज करते हैं। यदि आप इस तरह के आंकड़ों को आधार बना कर, ग्राहकों के मुताबिक विज्ञापन, स्लोगन, वीडियो आदि डिजाइन करते हैं तो जल्दी लोकप्रियता मिलेगी।


कंटेंट हो दमदार
ऐसी टैगलाइन बनाएं या फिर वीडियो शेयर करें, जो लोगों से कनेक्ट हों। लोगों की भावनाओं और जीवन से जुड़ा कंटेंट इस फील्ड में आपको हीरो बना सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि वह आपके उत्पाद या कंपनी से रिलेट करता हो।

विजुअली सोचें
यह विजुअल दुनिया है। कहा भी जाता है कि एक अच्छी तस्वीर हजारों शब्दों को अपने में समेट लेती है, इसलिए इसका ध्यान रखें कि कंटेंट के साथ फोटो भी हो।


एक्टिव रहें
इस फील्ड की पहली मांग यह है कि आप लोगों को तुरंत जवाब दें। उनसे अधिक से अधिक बात करें और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपसे जुड़ें।

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