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तेरी-मेरी के चक्कर में धंधे का बंटाधार

एक बार फिर दो फिल्में बड़े टकराव से बच गईं। इनमें से एक फिल्म तो वही है, जिसकी समीक्षा अभी आपने ऊपर पढ़ी और एक दूसरी फिल्म अगले हफ्ते रिलीज होगी, जिसकी समीक्षा आप यहीं पढ़ रहे होंगे(अगर रिलीज डेट्स...

तेरी-मेरी के चक्कर में धंधे का बंटाधार
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 09:19 PM
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एक बार फिर दो फिल्में बड़े टकराव से बच गईं। इनमें से एक फिल्म तो वही है, जिसकी समीक्षा अभी आपने ऊपर पढ़ी और एक दूसरी फिल्म अगले हफ्ते रिलीज होगी, जिसकी समीक्षा आप यहीं पढ़ रहे होंगे(अगर रिलीज डेट्स को लेकर फिर कोई पंगा न हुआ तो)। तो क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो ये दोनों फिल्में एक साथ रिलीज होने से बच गयीं। आखिर किसने और क्यों कदम पीछे हटाए?

जी हां, ये सच है कि फिल्म 'वेल्कम बैक' और 'हीरो' (1983 में जैकी श्रॉफ की फिल्म हीरो का रीमेक) 4 सितंबर को ही रिलीज होने वाली थीं। करीब 3-4 महीने पहले इन दोनों फिल्मों के  एक ही दिन रिलीज होने की घोषणा से बॉलीवुड के कई वितरक एक ही समय में डर और हिल गये थे। सब जानते हैं कि एक ही दिन दो बड़ी फिल्मों के टकराव से इंडस्ट्री को फायदा कम, नुकसान ज्यादा होता है। साथ ही ऐसी फिल्मों के नायक आपस में नाक-मुंह फुला कर बैठ जाते हैं, सो अलग।

'हीरो' और 'वेल्कम बैक' के साथ भी यही होने वाला था। जॉन और सलमान में तो इस रिलीज को लेकर ट्विटर जंग भी हुई, जिससे कयास लगे कि अब तो दोनों के बीच 'बज' के ही रहेगी। लेकिन ऐन मौके पर ईरोज का दिमाग चल गया और उसने चुपके से 'हीरो' की तारीख आगे खिसका दी। बेचारा क्या करता, दोनों ही फिल्में उसकी थीं।

ये मामला तो इसलिए सुलट गया, क्योंकि ये दोनों फिल्में एक ही बैनर की थीं। अगर बैनर अलग होते तो सोचिये क्या होता! वही होता, जो अब होने वाला है। इस दिसंबर में टक्कर होगी संजय लीला भंसाली और शाहरुख खान के बीच। इस टकराव को देख वॉट्सएप से किसी ने मैसेज किया- 'देख भाई, फैशन और समय लौट कर जरूर आता है।'

बात सही भी है। इन दोनों दिग्गजों के बीच ऐसी टक्कर 2007 में भी देखी जा चुकी है, जब शाहरुख की फिल्म 'ओम शांति ओम' और भंसाली की 'सांवरिया' रिलीज हुई थी। क्वालिटी होने के बावजूद दर्शकों को 'सांवरिया' पसंद नहीं आयी थी और मसालों और फॉर्मूलों की चाशनी में डूबी 'ओम...' बड़े अच्छे से खा कमा गयी थी।

दरअसल साल के आखिरी दो हफ्ते यानी धंधे के लिए गोल्डन चांस को कोई  छोड़ना नहीं चाहता। इस साल 18 दिसंबर को शाहरुख 'दिलवाले' और भंसाली 'बाजीराव मस्तानी' के रूप में भुनाना चाहते हैं। वैसे तो इसी तारीख पर इम्तियाज अली की फिल्म 'तमाशा' (रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण) भी टांग अड़ा रही थी, लेकिन तमाशा टीम को जब लगा कि इससे सिवाय तमाशे के कुछ और हासिल नहीं तो वो लोग हट गए।

 लेकिन इस बार यहां भंसाली का पलड़ा भारी दिख रहा है, जिसकी वजह है उनकी फिल्म का ट्रेलर। इस ट्रेलर ने दर्शकों के बीच अच्छी जगह बनाई है। उधर 'दिलवाले' की अभी तक एक ही शूट की फोटो इंटरनेट पर मंडरा रही है, जिसमें शाहरुख-काजोल साथ दिख रहे हैं। हालांकि कुछ दिन पहले ही इन दोनों के बीच एक आईलैंड में गीत फिल्माया गया, जिसके फोटोज काफी प्रचारित किये गये, लेकिन इससे फिल्म के प्रति वो नहीं बन पाया, जिसे इंडस्ट्री की भाषा में 'बज'कहते हैं।

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