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इन 6 संकेतों से जानिए कहीं आपका लिवर तो नहीं हो रहा खराब

यह समझने में अकसर देर हो जाती है कि लिवर में कुछ गड़बड़ी आ रही है।  केवल एल्कोहल ही लिवर का दुश्मन नहीं है, खराब जीवनशैली और जंक फूड भी इसे अपना शिकार बना रहे हैं। जिगर है तो जान है, बता रही हैं...

इन 6 संकेतों से जानिए कहीं आपका लिवर तो नहीं हो रहा खराब
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 23 Sep 2016 09:19 AM
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यह समझने में अकसर देर हो जाती है कि लिवर में कुछ गड़बड़ी आ रही है।  केवल एल्कोहल ही लिवर का दुश्मन नहीं है, खराब जीवनशैली और जंक फूड भी इसे अपना शिकार बना रहे हैं। जिगर है तो जान है, बता रही हैं राजलक्ष्मी

लिवर शरीर का वर्कहाउस है। यह भोजन में मौजूद वसा और कार्बोहाइड्रेट को सुपाच्य बनाता है। यह नेचुरल फिल्टर है, जो विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। शरीर के लिए उपयोगी प्रोटीन यहां बनता है और पाचन के लिए उपयोगी पित्त का स्राव भी लिवर में ही होता है। चूंकि लिवर एक साथ कई काम करता है, इसलिए इसमें गड़बड़ी आने पर कई परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। 

आमतौर पर माना जाता है कि अगर आप शराब नहीं पीते तो लिवर सही रहता है। पर यह पूरा सच नहीं है। हमारी रोजमर्रा की जीवनशैली और खान-पान से जुड़ी कई बातें लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं।  

लिवर से संबंधित समस्याएं 
यह पांच प्रकार की होती हैं, जिन्हें ए, बी, सी, डी, ई कहते हैं। ए और ई को आम भाषा में जॉन्डिस या पीलिया के नाम से जाना जाता है। पीलिया दूषित जल पीने की वजह से होता है। बी, सी व डी   इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी है, जिसका लिवर पर गहरा असर पड़ता है। यदि लक्षण पहचानने में देर होती है तो लिवर के फेल होने का खतरा रहता है। इसे क्रॉनिक हेपेटाइटिस कहते हैं। इसके अलावा ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है, जो आमतौर पर औरतों को होता है। इसमें शरीर का तंत्रिका-तंत्र ही शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। 

जॉन्डिस या पीलिया, लिवर कैंसर व हेपेटाइटिस प्रमुख रूप से लिवर के रोग हैं। लिवर से जुड़ी बहुत सी समस्याएं गंदगी की वजह से होती हैं। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित

खाने और पानी की वजह से होता है। हेपेटाइटिस बी, सी व  डी असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित खून की वजह से होने वाले रोग हैं। अधिक शराब लिवर  व पेन्क्रियाज को निशाना बनाती है। लिवर के रोगों से जुड़ी समस्याओं में  लिवर सिरोसिस प्रमुख है। एक बार समस्या शुरू होने पर शराब व धूम्रपान न छोड़ना लिवर ट्रांसप्लांट की नौबत ला सकता है। 

इन संकेतों की न करें अनदेखी
'त्वचा, नाखून और आंखों का पीलापन। ऐसा पित्त की अधिकता के कारण होता है, जिस कारण पेशाब में भी पीलापन नजर आता है।
'लिवर में खराबी होने पर बाइल (पित्त ) एंजाइम मुंह तक आ जाता है, जिससे मुंह कड़वा रहने लगता है। 
'हर समय घबराहट व उल्टी की शिकायत रहती है। ऐसा शरीर में बनने वाले पित्त के कारण होता है।
'पेट में सूजन व हर समय भारीपन का एहसास होना।   
'हर समय आलस महसूस होना, किसी काम में मन न लगना और हर समय नींद आना। 
'हर समय असमंजस में रहना, चीजों को भूलना।  

शराब ही नहीं, नमक भी नुकसानदेह
नमक केवल उच्च रक्तचाप का कारण नहीं होता। यह लिवर को भी हानि पहुंचाता है। यूएस में चूहों पर एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें ज्यादा नमक खाने पर लिवर में कई सारे बदलाव देखे गए। मसलन कोशिकाओं का प्रसार न होना। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि ज्यादा नमक खाने के कारण नए सेल पनपने से पहले ही खत्म हो गये। इससे ही लिवर फाइब्रोसिस की समस्या हो जाती है। शोध में अधिक नमक के असर को कम करने के लिए विटामिन सी लेने पर जोर दिया गया है। 

मोटापा है समस्या 
मिलान यूनिवर्सिटी में 323 मरीजों पर किये गये एक शोध में पाया गया है कि जिनके शरीर का निचला हिस्सा भारी होता है, वे आमतौर पर नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज से पीडि़त होते हैं। एनएएफएसडी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लिवर मोटा हो जाता है। जिन लोगों की कमर का नाप 36 से  40 इंच के करीब था, उनमें फैटी लिवर के मामले अधिक पाए गए।

ज्यादा देर बैठना है खतरनाक
देर तक एक ही जगह बैठे रहने की वजह से नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर का खतरा बढ़ जाता है। साउथ कोरिया में एक जगह ज्यादा देर तक बैठे रहने वाले 1,40,000 लोगों पर हुए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी। इसमें  40,000 लोग लिवर की समस्या से ग्रसित पाये गये। ब्रिटेन यूके की न्यू कैसले यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल आई टर्नेल के अनुसार हमारे शरीर की बनावट ऐसी है कि उसे स्वस्थ रखने के लिए सक्रिय रहना जरूरी है। अगर मूवमेंट्स कम हैं तो लिवर की सेहत बिगड़ने लगती है। 

सुधारें जीवनचर्या 
'शराब न पिएं। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित शराब पीने वाले एक चौथाई लोग लिवर की परेशानियों से पीडि़त होते हैं। धूम्रपान भी नुकसानदेह है। 
'खुद से दवाएं न लें। गलत दवाओं का असर लिवर पर पड़ता है। खुद आईब्रूफेन, एस्पिरिन जैसी दवाएं न  लें।   
'फैटी लिवर की समस्या मोटापे से जुड़ी है। वजन को नियंत्रित रखें।  नियमित व्यायाम करें और अपने आहार से उन चीजों को दूर करें, जिनसे मोटापा बढ़ता है। 

'बहुत ज्यादा नमक और चीनी का सेवन ना करें।
35 के बाद कराएं जांच 

'35 के बाद एक बार लिवर फंक्शन टैस्ट करा लेना चाहिए। लिवर में एलानाइन और एसपारटेट एंजाइम्स का बढ़ा सीरम स्तर लिवर गड़बड़ी का संकेत देता है। 
'हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन की पूरी खुराक लें। हेपेटाइटिस सी और ई की वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है, इससे बचने के लिए सावधानी रखना ही बेहतर है।
विशेषज्ञ: डॉ. अंजलि त्यागी न्यूट्रिशनिस्ट,  हकीम मोहम्मद तारीफ व डॉ.  अजय कुमार, लिवर स्पेशलिस्ट 

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