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यूपी के 11 गांवों में आज अंतिम बार होगा मतदान

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की दुद्धी विधानसभा के 11 गांवों में इस बार अंतिम मतदान होगा। इस विधानसभा चुनाव के बाद इस गांव में मतदान नहीं होंगे। कारण, कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण के बाद ये सभी...

यूपी के 11 गांवों में आज अंतिम बार होगा मतदान
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 07 Mar 2017 03:00 PM
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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की दुद्धी विधानसभा के 11 गांवों में इस बार अंतिम मतदान होगा। इस विधानसभा चुनाव के बाद इस गांव में मतदान नहीं होंगे। कारण, कनहर सिंचाई परियोजना के निर्माण के बाद ये सभी गांव डूब क्षेत्र में चले जाएंगे और वहां की 3600 आबादी को विस्थापित कर दिया जाएगा। परियोजना के निर्माण से क्षेत्र के 108 गांवों की 35467 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी तथा लोगों को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। परियोजना को जून 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

झारखण्ड व छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सोनभद्र के दुद्धी के अमवार में कनहर सिंचाई परियोजना के तहत 39 मीटर ऊंचा बांध बनने के बाद यूपी के 11 और झारखण्ड के 4 गांव पूरी तरह पानी में डूब जायेंगे। इनका अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। दुद्धी विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले लाम्बी, गोहड़ा, भीसुर, सुन्दरी, कोरची, रनदहटोला, अमवार, बघाड़ु, कुदरी, चकलाम्बी, सुगवामान गांव कनहर परियोजना की जद में आ जाएंगे। इन गांवों के प्रभावित परिवारों को सरकार पुनर्वास पैकेज के तहत 7 लाख 11 हजार रुपये का मुआवजा और एक आवासीय प्लाट देकर दूसरी जगह बसा रही है। परियोजना का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसे जून 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

क्या है कनहर सिंचाई परियोजना

सोनभद्र। कनहर सिंचाई परियोजना लगभग चार दशक पुरानी है। इसका शिलान्यास तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने छह अक्टूबर 1976 को दुद्धी के अमवार में किया था। परियोजना के तहत अमवार में एक बांध बनाकर सैकड़ों गांवों को सिंचित करने का लक्ष्य था लेकिन तमाम कारणों से यह प्रोजेक्ट पिछड़ता गया। हालांकि समय समय पर विभिन्न सरकारों ने इस परियोजना पर काम शुरू कराया लेकिन कभी अनापत्ति प्रमाण पत्र के अभाव, कभी पड़ोसी राज्य की आपत्ति तो कभी विस्थापितों के न्यायालय चले जाने से प्रोजेक्ट गति नहीं पकड़ सका। 28 करोड़ के बजट वाली कनहर परियोजना की लगात आज 2200 करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है। 2200 करोड़ की लागत से बनने वाली परियोजना का काम अखिलेश सरकार में सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल यादव ने शुरू कराया।

पहले भी हुआ है विस्थापन

सोनभद्र। सूबे की इस अन्तिम विधानसभा में पहले भी विस्थापन हो चुका है। पहली बार 1952 में देश के आम चुनाव के बाद 1954 में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राबर्ट्सगंज के चुर्क में सीमेन्ट फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इसके बाद रिहन्द बांध का निर्माण शुरू कराया। रिहन्द बांध के डूब क्षेत्र में इलाके के 54 गांव आ गये। दूसरी बार 1962 में ओबरा बिजलीघर के निर्माण के दौरान इलाके के दर्जन भर गांवों से विस्थापन हुआ। तीसरी बार 1980 के दशक में एनटीपीसी की सिंगरौली बिजली परियोजना के लिये 5 गांवों का विस्थापन हुआ। अब चौथी बार कनहर सिंचाई परियोजना के चलते विस्थापन होने जा रहा है।

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