बिजलीघरों को घटाना पड़ा आठ सौ मेगावाट से अधिक उत्पादन
कोहरे के कारण पारेषण लाइनों में खामियों का असर मंगलवार को बिजलीघरों के उत्पादन पर भी पड़ा। उत्पादन निगम के अनपरा और लैंको के अनपरा सी बिजलीघरों को दिनभर 800 मेगावाट से अधिक की थर्मल बैकिंग करनी पड़ी।...
कोहरे के कारण पारेषण लाइनों में खामियों का असर मंगलवार को बिजलीघरों के उत्पादन पर भी पड़ा। उत्पादन निगम के अनपरा और लैंको के अनपरा सी बिजलीघरों को दिनभर 800 मेगावाट से अधिक की थर्मल बैकिंग करनी पड़ी। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में इजाफे के बावजूद बिजली की मांग खस्ताहाल पारेषण और वितरण व्यवस्था के कारण बीते 24 घण्टों के दौरान 250 मिलियन यूनिट के नीचे बनी हुई थी।
नतीजतन बंद इकाइयों के चालू होने का लाभ सूबे के बिजली उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच सका और बिजलीघर दिनभर भारी थर्मल बैकिंग से बिजलीघर जूझते रहे। अनपरा बिजलीघर के मुख्य महाप्रबंधक इं. त्रिभुवन तिवारी ने बताया कि बिजलीघर की 8 में से 7 इकाइयां पूरी क्षमता से लगभग 2200 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही थीं लेकिन सिस्टम कंट्रोल के निर्देश पर लगभग चार सौ मेगावाट की थर्मल बैकिंग (उत्पादन कम) करनी पड़ी है। अनुरक्षण के लिए 21 अगस्त से बंद चल रही बिजलीघर की 210 मेगावाट तीसरी इकाई को भी चालू सप्ताह में लाइटअप करने की उम्मीद है जिससे बिजली की मांग बढ़ने पर परेशानी न हो। अनपरा सी बिजलीघर से भी मांग में कमी को देखते हुए 470 मेगावाट दिनभर थर्मल बैकिंग कराये जाने की जानकारी अपर महाप्रबंधक लैंको पावर एस के द्विवेदी ने देते हुए बताया कि बिजलीघर से फिलहाल लगभग 700 मेगावाट ही बिजली उत्पादन हो पा रहा है। इस बीच मांग में कमी को देखते हुए उत्पादन निगम के पारीछा, पनकी और हरदुआगंज बिजलीघरों से भी भारी थर्मल बैकिंग करायी गयी। पहली बार उत्पादन निगम के बिजलीघरों को 1100 मेगावाट से अधिक उत्पादन घटाने के निर्देश स्टेट लोड डिस्पैच सेण्टर ने दिये हैं।