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जीसटी में खामियां दूर करने के लिए सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल ने जीएसटी में खामी दूर करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से केन्द्रीय वित्तमंत्री को शुक्रवार को एक ज्ञापन भेजा। मण्डी शुल्क समाप्त करने, जुर्माना कम करने,...

जीसटी में खामियां दूर करने के लिए सौंपा ज्ञापन
Fri, 09 Jun 2017 05:10 PM
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उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल ने जीएसटी में खामी दूर करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से केन्द्रीय वित्तमंत्री को शुक्रवार को एक ज्ञापन भेजा। मण्डी शुल्क समाप्त करने, जुर्माना कम करने, सर्च और सीजर की धारा को हल्का करने का अनुरोध किया गया।

प्रतिनिधिमण्डल के जिलाध्यक्ष रतनलाल गर्ग ने बताया कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर यह ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में मांग की गई कि जेल के प्रावधान और जुर्माने की दरें बहुत अधिक है। सर्च और सीजर की धारा में अधिकारियों को असीमित अधिकार दिए गए हैं। इससे व्यापारियों का शोषण और उत्पीड़न बढ़ेगा। इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। भ्रष्टाचार बढ़ेगा। इसलिए इन कानूनों पर पुनर्विचार कर इसे व्यावहारिक बनाया जाए।

उन्होंने कहा कि मण्डी शुल्क को जीएसटी में शामिल नहीं किया गया है। दिल्ली, मध्य प्रदेश और बिहार में मण्डी शुल्क नहीं है। इसलिए उत्तर प्रदेश से भी मण्डी शुल्क समाप्त किया जाए। इसको भी जीएसटी में शामिल कर लिया जाए। जीएसटी में स्कूली बस्तों पर कर 18 फीसदी लागू की गई है। यह बहुत अधिक है। स्कूली बस्तों को कर मुक्त किया जाए। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को प्रोत्साहित करने के लिए पेंशन व्यवस्था और विभाग की ओर से विशिष्ट व्यक्ति का परिचय पत्र दिया जाए। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यपाल जैन, जिला महामंत्री शिव कुमार सांवरिया, जिलाउपाध्यक्ष मिठाईलाल सोनी, रामेश्वर दास जैन, कृष्ण कुमार जालान, सरदार गोविंद आदि शामिल रहे।

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