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देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी : डॉ. जगदीश

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व यूपी के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रभारी डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित शुक्रवार को सीवान दौरे पर पहुंचे। डीएवी पीजी कॉलेज में कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों व...

देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी : डॉ. जगदीश
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Fri, 19 May 2017 03:33 PM
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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व यूपी के उच्च शिक्षा संवर्ग के प्रभारी डॉ. जगदीश सिंह दीक्षित शुक्रवार को सीवान दौरे पर पहुंचे। डीएवी पीजी कॉलेज में कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में जो सेमेस्टर सिस्टम लागू किया है, वह छात्रों के बहुत उपयोगी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य से सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया, वह पूरा नहीं हुआ। छात्रों की परेशानी बढ़ गई। इसका मूल कारण विश्वविद्यालय व कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है। केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में जहां कुलपतियों को शिक्षक नियुक्ति का अधिकार है। वहां पर 20 फीसदी शिक्षकों के पद रिक्त है। अधिकतर विश्वविद्यालय व कॉलेज विशेषकर बिहार में शिक्षक व कर्मियों की नियुक्ति का अधिकार कुलपतियों को नहीं है। यहां पर शिक्षकों की नियुक्ति आयोग करता है, लेकिन यह अधिकतर समय तक कार्य नहीं करता है। यह पूरी व्यवस्था राजनीतिक व्यवस्था से प्रभावित हो जाती है। सरकारें बदलती हंै तो सभी काम ठप पड़ जाते हैं। जहां पर विश्वविद्यालय को नियुक्ति का अधिकार है, वहां 30 फीसदी पद रिक्त पड़े हंै। जहां पर नियुक्ति के लिए आयोग का गठन किया गया वह भी राजनीतिक व्यवस्था का शिकार है। इस तरह के बहुत से कॉलेजों में शिक्षकों की कमी से ताला लटक जाएगा। अभी ही कई विभागों में ताला लटक गया है। शिक्षक अवकाश ग्रहण करते जा रहे है और शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है। इस तरह पूरी शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।

डॉ. जगदीश ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन नीचे से लेकर उच्च शिक्षा तक जो व्यवस्था लागू हुई है, उससे शिक्षा का और बंटाधार होगा। जहां न शिक्षक हंै न व्यवस्था है। इसलिए छात्र-छात्राएं कॉलेज परीक्षा के समय आते हंै। मूल्यांकन के दौरान देखा जाता है कि शिक्षक अंदर के पन्ने पर कम ध्यान देते हंै। उपर में नम्बर भर दिया जाता है और उसका जोड़ सही नहीं होता। यहां तक कि दूसरे विषय के शिक्षक को दूसरे विषय की कॉपी देने पर उसे भी मूल्यांकित कर देते हंै। कहा कि आज परीक्षा व मूल्यांकन की पूरी व्यवस्था बदलने की जरूरत है। केन्द्र सरकार तीन साल में नई शिक्षा नीति को लागू नहीं कर सकी। जबकि इसके लिए देशभर में काम हुआ था। रिपोर्ट मानव संधान विकास विभाग को भेजी गई थी जिस पर अमल नहीं हुआ।

डीएवी कॉलेज में दो शिक्षक पदस्थापित

सीवान। शहर के डीएवी पीजी कॉलेज में दो शिक्षक पदस्थापित किए गए हैं। प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पंडित ने बताया कि डॉ. अविनाश कुमार व डॉ. सुरुचि उपाध्याय ने अंग्रेजी विभाग में शुक्रवार को योगदान कर लिया। फिलहाल शिक्षकों की कमी से अंग्रेजी विभाग बंद था। अब यह विभाग खुल गया। दो प्राध्यापकों के योगदान के बाद इस विभाग में पठन पाठन में तेजी आएगी। का.सं.

डीएवी पीजी कॉलेज की छात्रा बनी प्राध्यापक

फोटो संख्या: . कुमारी प्रीति।

सीवान। कार्यालय संवाददाता

शहर के डीएवी पीजी कॉलेज की छात्रा प्राध्यापक बन गई है। वह शहर के आनंद नगर की व एसबीआई के अवकाश प्राप्त मैनेजर उमाशंकर प्रसाद की बेटी कुमारी प्रीति है। 11 जुलाई 2016 को बीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हुई थी। उसे राज्य में 108 वां स्थान प्राप्त हुआ। बाद में साक्षात्कार हुआ। इसके बाद उसका चयन किया गया। चयन के बाद उसकी जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में नियुक्ति की गई है। विश्वविद्यालय से अब कॉलेज में पदस्थापना की जाएगी। प्रीति रसायन शास्त्र की छात्रा रही है। विभागाध्यक्ष डॉ. शमशाद अली ने बताया कि डीएवी कॉलेज में इंटर से पीजी तक की पढ़ाई की है। पढ़ने में शुरू से होनहार थी। तीन साल पहले नेट की परीक्षा पास कर सफलता हासिल कि जब उसे देश में 44 वां स्थान मिला था। डॉ. शमशाद की देखरेख में पीएचडी कर रही है। पीएचडी का विषय कम्प्लेक्स कम्पाउंड है। उसके लेक्चरर बनने पर प्राचार्य डॉ. अजय कुमार पंडित ने बधाई दी है।

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