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DEHRI : अनुमंडल अस्पताल की सुधर नहीं रही व्यवस्था

डेहरी। एक प्रतिनिधि अनुमंडल अस्पताल की व्यवस्था सुधर नहीं रही है। अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का प्रयास करने वाले वरीय पदाधिकारी भी अब खुद को लाचार महसूस करने लगे हैं। अस्पताल की हालत यह है कि...

DEHRI : अनुमंडल अस्पताल की सुधर नहीं रही व्यवस्था
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 21 Nov 2016 05:22 PM
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डेहरी। एक प्रतिनिधि अनुमंडल अस्पताल की व्यवस्था सुधर नहीं रही है। अस्पताल की व्यवस्था सुधारने का प्रयास करने वाले वरीय पदाधिकारी भी अब खुद को लाचार महसूस करने लगे हैं। अस्पताल की हालत यह है कि पर्याप्त चिकित्सकों के होने के बावजूद भी मरीजों का इलाज फर्मासिस्ट करते हैं। अनुमंडल अस्पताल में अधिकतर डॉक्टर अनुपस्थित रहते हैं। रविवार को ही ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक रामलखन सिंह अनुपस्थित थे। मारपीट में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में लाया गया था। चिकित्सक के नहीं रहने पर लोगों ने हंगामा करना शुरू किया, तो फार्मासिस्ट ने इलाज शुरू कर दिया। वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 75 शैय्या वाले अनुमंडल अस्पताल का शिलान्यास किया था। लेकिन, इस अनुमंडल अस्पताल में कुव्यवस्था रही। इस कारण अक्सर हंगामा होता रहा है। वर्ष 2015 में भी सोन नद में हुई नाव दुर्घटना में घायलों की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा हुआ था। एक बार अस्पताल के पास दवाइयां फेंकी हुई थीं। इसे लेकर भी लोगों ने हंगामा किया था। हालांकि कहा गया कि वह दवाइयां एक्सपायरी थीं। कई मामलों में जांच के लिए कमेटियां भी बनीं। लेकिन, क्या कार्रवाई हुई, यह किसी को पता नहीं है। पिछले माह सर्जन के रहते सहयोगी चिकित्सक ने ऑपरेशन कर दिया था। इसे भी लेकर हंगामा हुआ था। शिकायतों पर नहीं हुई कार्रवाईअस्पताल में ऐसे कई चिकित्सक हैं, जो अक्सर ड्यूटी में नहीं आते हैं। उनके खिलाफ डीएस ने रिपोर्ट भी भेजी है, लेकिन कोई कार्रवाई अबतक नहीं हुई है। वह फाइल लंबित है। ऐसे कई मामले हैं। क्या कहते हैं उपाधीक्षकडीएस डॉ. राकेश कुमार का कहना है कि डा. रामलखन सिंह हमेशा अनुपस्थित रहते हैं। इसकी शिकायत सीएस से लेकर डीएम तक की जा चुकी है। इसके बावजूद अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्या कहते हैं सिविल सर्जन सीएस डा. नवल किशोर सिन्हा का कहना है कि डीएस खुद अस्पताल में नहीं रहते हैं। इस कारण ऐसी कुव्यवस्था है। क्या कहते हैं अनुमंडल पदाधिकारी एसडीएम पंकज पटेल का कहना है कि अस्पताल में फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों का इलाज करने का मामला गंभीर है। इसकी जांच करायी जाएगी।

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