फोटो गैलरी

Hindi Newsएक लाख का ईनामी पीके बंगाल से गिरफ्तार

एक लाख का ईनामी पीके बंगाल से गिरफ्तार

झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में लम्बे से सक्रिय कुख्यात प्रकाश मंडल उर्फ पीके उर्फ राजकुमार मंडल को जिला पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के कुसमुनडीह थाना के ईटही गांव से गिरफ्तार किया...

एक लाख का ईनामी पीके बंगाल से गिरफ्तार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 22 Apr 2017 01:30 AM
ऐप पर पढ़ें

झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में लम्बे से सक्रिय कुख्यात प्रकाश मंडल उर्फ पीके उर्फ राजकुमार मंडल को जिला पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के कुसमुनडीह थाना के ईटही गांव से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार पीके वर्ष 1990 से राजमहल व आसपास के इलाके में आतंक का पर्याय बना था। पीके पर राजमहल में रंगदारी, हत्या, अपहरण व आर्म्स एक्ट के तीन मामले में दर्ज हैं। बिहार के सबौर के औद्योगिक थाना में भी हत्या व आर्म्स एक्ट समेत तीन मामले दर्ज हंै। एसपी पी मुरुगन ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों को बताया कि जिला पुलिस पिछले सात महीने से पीके उर्फ प्रकाश मंडल को दबोचने के प्रयास में जुटी थी। आखिरकार मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर पुलिस पीके तक पहुंच गई। कुख्यात पीके पिछले आठ साल से पश्चिमी दिनाजपुर में पहचान छुपा कर रह रहा था। एसपी के निर्देश पर राजमहल एसडीपीओ सुनील कुमार के नेतृत्व में बरहेट थाना प्रभारी मनोज कुमार, राजमहल थाना प्रभारी बीडी चौधरी व रांगा थाना प्रभारी प्रदीप दास की टीम दक्षिण दिनाजपुर में छापेमारी की तो पीके घर में ही मिल गया। पुलिस ने पीके को दबोचने के बाद सीधे यहां ले आई। एसपी ने बताया कि कुख्यात पीके उर्फ प्रकाश मंडल पर सीआइडी ने सरकार से एक लाख ईनाम की अनुशंसा की थी।

पास से क्या-क्या मिला : कुख्यात प्रकाश मंडल उर्फ पीके ने पश्चिम बंगाल में दक्षिण दिनाजपुर के कुसमुनडीह थाना के ईटही गांव में राजकुमार मंडल के नाम से वोटर कार्ड, पेन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम कार्ड बना लिया था। पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल सेट व छह सीम कार्ड भी बरामद किया है। वहां नाम व पहचान छुपाकर वह रह रहा था।

ठेकेदार से वसूलता था रंगदारी : एसपी के अनुसार कुख्यात पीके उर्फ प्रकाश मंडल अपने गिरोह का सरगना था। वह मोबाइल से ही वहां से राजमहल व आसपास के इलाके में सक्रिय प्रभाकर मंडल व पंकज लाला से काम कराता था। खासकर विकास योजनाओं के ठेकेदार से रंगदारी वसूलना उसका मुख्य धंधा था। इलाके में उसका इस कदर दहशत था कि कोई पुलिस से शिकायत करना नहीं चाहता था।

झोलाछाप डॉक्टर बनकर रहा था : पीके वहां राजकुमार मंडल के नाम से झोलाछाप डॉक्टर बन प्रैक्टिस करता था। गांव-गांव घुम घुम बीमार लोगों को स्लाइन चढ़ाने से लेकर सुई देने व छोटी-मोटी बीमारी में इलाज भी करता था।

पुलिस खंगाल रही आपराधिक इतिहास : भागलपुर व पश्चिम बंगाल के विभिन्न थानों में कुख्यात पीके उर्फ प्रकाश मंडल द्वारा किए गए आपराधिक वारदात से संबंधित रिकार्ड को पुलिस अब खंगाल रही है। उसके खिलाफ फरक्का में भी केस होने का अनुमान है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें