अपहरण मामले में एसएसपी ने खारिज की चार्जशीट
प्रवीण अपहरण मामले में जांच के बाद विवेचक ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ आरोप पत्र भेज दिया। लेकिन एसएसपी ने आरोप पत्र को गलत मानते हुए इसे वापस लौटाने के साथ ही मामले की पुन:...
प्रवीण अपहरण मामले में जांच के बाद विवेचक ने सभी पांचों आरोपियों को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ आरोप पत्र भेज दिया। लेकिन एसएसपी ने आरोप पत्र को गलत मानते हुए इसे वापस लौटाने के साथ ही मामले की पुन: विवेचना के आदेश दिए हैं। अब विवेचना हरिद्वार के एक दारोगा करेंगे। अकौढा कलां निवासी प्रवीण उर्फ पप्पन पुत्र सत्यपाल की गांव के ही कुछ लोगों से पुरानी रंजिश चल रही है। बीती 20 मार्च को उनमें से पांच लोगों ने लक्सर के बालावाली तिराहे से प्रवीण का दिनदहाड़े अपहरण कर लिया था। सूचना पर पुलिस ने आनन फानन कॉम्बिंग करते हुए अपहरणकर्ताओं की गाड़ी पकड़कर प्रवीण को मुक्त करा लिया था। इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी नरेश उर्फ बालियान को पकड़ लिया था, जबकि चार आरोपी फरार हो गए थे। आरोपी नरेश अभी तक जेल में हैं। मामले की जांच लक्सर के तत्कालीन एसएसआई संपूर्णानंद गैरोला कर रहे थे। जांच के बाद विवेचक ने हाल ही में सभी पांचों आरोपियों को दोषी पाते हुए इसमें आरोप पत्र लगाकर पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय को भेज दिया था। परंतु विवेचक द्वारा की गई जांच को एसएसपी ने अपूर्ण मानते हुए आरोप पत्र को निरस्त कर दिया है। साथ ही अपहरण मामले की पुन: विवेचना किए जाने के आदेश दिए हैं। इस बार मामले की जांच का जिम्मा हरिद्वार में तैनात दारोगा राजेंद्र सिंह खोलिया को सौंपा गया है।लक्सर के कोतवाल नवीन चंद्र सेमवाल ने जांच परिवर्तित किए जाने संबंधी एसएसपी के आदेश मिलने की पुष्टि की है। उधर, पीड़ित पप्पन का कहना है कि विवेचक ने पूरी जांच के बाद ही आरोप पत्र प्रस्तुत किया था। पर अब पुलिस राजनीतिक दबाव में जांच को भटकाने का काम कर रही है।