जीएसटी पर उलझन दूर करने में जुटे अफसर
वाणिज्य कर विभाग की ओर से पहली जुलाई से देश में लागू होने वाले जीएसटी को लेकर असमंजस में चल रहे व्यापारियों की शंकाओं को दूर करने के लिए सेमिनार हुआ। इमसें व्यापारियों को जीएसटी के लाभ और उसके तहत...
वाणिज्य कर विभाग की ओर से पहली जुलाई से देश में लागू होने वाले जीएसटी को लेकर असमंजस में चल रहे व्यापारियों की शंकाओं को दूर करने के लिए सेमिनार हुआ। इमसें व्यापारियों को जीएसटी के लाभ और उसके तहत किए गए प्रावधानों की जानकारी दी।
आईआईटी रुड़की के ओपी जैन सभागार में सेमिनार में डिप्टी कमिश्नर रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी के आने के बाद व्यापारियों को अलग-अलग कर चुकाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। इससे देश का जीडीपी भी 1.5 से 2 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। राज्यों में भी टैक्स की दर एक समान हो जाएगी। इससे अलग-अलग राज्य में व्यापार करने वाले लोगों को भी टैक्स को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि व्यापारियों को अब एक ही रिटर्न फाइल करना होगा। उसे व्यापारी एनईएफटी, आरटीजीएस, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से भी जमा कर सकेंगे। उन्होंने व्यापार को लेकर बदलाव की भी जानकारी दी और इससे डरने के बजाए समझने पर जोर दिया। दूसरे सत्र में हाईलेवल कमेटी के विशेष सदस्य सीए राजेश गुप्ता ने जीएसटी के तहत किए गए विशेष प्रावधान, सामान खरीद पर टैक्स की प्रक्रिया, ट्रांजिशनल प्रावधान और रिफंड के प्रावधानों की जानकारी दी। साथ ही बताया कि पिछले स्टॉक व टैक्स को लेकर भी व्यापारियों को परेशान होनी की जरूरत नहीं है। इस दौरान डीप्टी कमिश्नर अभय पांडेय, पीपी शुक्ला, विपिन शर्मा, सुरेंद्र सपरा, आदर्श कंपानियां, राजेश सचदेवा, राम भटेजा, रवि प्रकाश, विजय भारद्वाज, मुकुल गर्ग, एनपी शुक्ला, नवीन गुलाटी, राम गोपाल कंसल, प्रवीन मेहंदीरत्ता, रवि प्रकाश, अजय गुप्ता, अरविंद कश्यप, वीके जिंदल, एडवोकेट रविकांत, वीके अग्रवाल, अमित त्यागी, महेश भारद्वाज, राकेश अग्रवाल, राकेश गोयल, विपिन गुप्ता आदि मौजूद रहे।