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झारखंड के पंचायत स्वयंसेवकों को एक माह में स्मार्टफोन मिलेंगे

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि तकनीक से जुड़ने के लिए सरकार एक माह में सभी पंचायत स्वयंसेवकों को स्मार्ट मोबाइल फोन देगी। एक जून से तीन माह तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में 2.22 लाख आवास...

झारखंड के पंचायत स्वयंसेवकों को एक माह में स्मार्टफोन मिलेंगे
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 25 May 2017 08:44 PM
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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि तकनीक से जुड़ने के लिए सरकार एक माह में सभी पंचायत स्वयंसेवकों को स्मार्ट मोबाइल फोन देगी। एक जून से तीन माह तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में 2.22 लाख आवास बनाए जाएंगे, जिसमें पंचायत स्वयंसेवकों की भूमिका अहम है। वे निर्माण कार्य का ध्यान रखेंगे। इसके एवज में उन्हें प्रति आवास एक हजार रुपए मानदेय दिया जाएगा। 15 नवंबर को एक साथ सभी घरों में गृह प्रवेश का आयोजन होगा। गांव का विकास सशक्त पंचायत के माध्यम से ही संभव है। मुखिया की सहायता के लिए पंचायत सचिवालय का गठन किया गया है। सीएम धुर्वा स्थित ज्वाहर लाल नेहरू स्टेडियम में गुरुवार को दक्षिणी छोटानागपुर के पंचायत स्वयंसेवकों के लिए आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण बस सेवा शुरू हो रही है, जिससे पंचायत सचिवालय के युवाओं को जोड़ा जाएगा। उन्हें सब्सिडी पर बस मुहैया करायी जाएगी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण दिलाया जाएगा। वे बस चलाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे। इस प्रकार राज्य में 30 हजार छोटी योजनाएं चिह्नित की गई हैं। एक ही तिथि पर सभी का एक साथ शिलान्यास कराया जाएगा। मुखिया अपने-अपने गांवों में योजना की शुरुआत करेंगे। जाति प्रमाण-पत्र आजीवन बनाए रखने के लिए राज्य सरकार कानूनी पहलूओं की जानकारी ले रही है। यदि संभव हुआ, तो लोगों को बार-बार जाति प्रमाण पत्र नहीं बनवाने होंगे। राज्य सरकार लोगों को हुनरमंद बनाने पर विशेष जोर दे रही है। यह स्वरोजगार का बड़ा जरिया है। हर पंचायत से 100-100 लड़के-लड़कियों को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री उद्यम बोर्ड की स्थापना की गई है, जिसमें हर गांव से एक महिला विलेज को-अर्डिनेटर होगी। वे अपने गांव की 15-15 महिलाओं की टीम बनाएंगी। इस प्रकार राज्य की 4.80 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण देकर उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण राज्य के युवा पांच से सात हजार रुपए की नौकरी के लिए पलायन को मजबूर हैं। राज्य सरकार सभी को झारखंड वापस लाने के लिए संकल्पित है। गुड़गांव में राज्य की 600 बच्चियां टेक्सटाइल फैक्ट्री में काम कर रही हैं। इस साल दिसंबर तक रांची में टेक्सटाइल फैक्ट्री शुरू हो जाएगी। सभी बच्चियों को वापस लाकर यहां काम दिलाया जाएगा, ताकि वे अपने घर में रोजगार कर सकें।

नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि पंचायत स्वयंसेवकों के माध्यम से जाति, आवास एवं आय प्रमाण-पत्र बनवाने में सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि किसी की जाति कभी नहीं बदलती, इसलिए जाति प्रमाण-पत्र आजीवन के लिए कर देना चाहिए। ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की राशि अब सीधे पंचायतों को भेजी गई है। 97 प्रतिशत राशि खर्च हो गई है। मंत्री ने ही पंचायत स्वयंसेवकों स्मार्टफोन देने की वकालत की थी।

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