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झारखंड के हर विश्वविद्यालय में होगी एक-एक मॉडल लाइब्रेरी

झारखंड के विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। हर विश्वविद्यालय में एक-एक मॉडल लाइब्रेरी बनाने का प्रस्ताव है। चार प्रीमियर कॉलेज और स्नातकोत्तर विभाग चिन्हित होंगे।...

झारखंड के हर विश्वविद्यालय में होगी एक-एक मॉडल लाइब्रेरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 19 Oct 2016 06:30 PM
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झारखंड के विश्वविद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज हो गई है। हर विश्वविद्यालय में एक-एक मॉडल लाइब्रेरी बनाने का प्रस्ताव है। चार प्रीमियर कॉलेज और स्नातकोत्तर विभाग चिन्हित होंगे। इनमें एक महिला कॉलेज भी शामिल होगा। विश्वविद्यालय-कॉलेज के छात्रों को परंपरागत पढ़ाई के साथ-साथ नई शिक्षा व्यवस्था, खासकर बाजार उपयोगी शिक्षा देने के लिए नए पाठ्यक्रम शामिल किये जाने की योजना है।

कुलाधिपति सह राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने नई व्यवस्था बनाने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को समयबद्ध टास्क दिया है।

विश्वविद्यालयीय शिक्षा व्यवस्था में लगातार सुधार की कवायद चल रही है। शिक्षकों-कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए जेपीएससी से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षा व्यवस्था, संसाधन, पाठयक्रम और परीक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए समयबद्ध योजनाएं बनायी गयी हैं।

हर विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए एक–एक मॉडल लाइब्रेरी की कवायद शुरू होगी। यह लाइब्रेरी बिल्कुल साफ-स्वच्छ और रात 10 बजे से खुली रहेगी। बिजली के लिए जेनरेटर सेट के साथ रविवार और छुट्टियों के दिन में भी लाइब्रेरी खुली रहेगी।

पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाया जायेगा

विश्वविदयालयों में परंपरागत और पुराने पाठ्यक्रम अनुपयोगी होते जा रहे हैं। इन्हें हटाकर वैसे नए पाठ्यक्रम शामिल करने का प्रस्ताव है, जो छात्रों में देश की जरूरत के मुताबिक निपुणता और हुनर दे सके। इसके लिए हर कुलपति को अपने यहां एक आंतरिक कमेटी का गठन करेंगे। यह कमेटी डाटा आधारित एक रेशनलाइजेशन योजना बनाएंगे। इस योजना की मंजूरी के लिए सीनेट की बैठक में रखी जायेगी।

आदर्श व प्रीमियर कॉलेज व विभाग होंगे चयनित

विश्वविद्यालयों में एक महिला कॉलेज समेत चार कॉलेज और दो स्नातकोत्तर विभाग प्रीमियर संस्थान के रूप में चिन्हित किए जाएंगे। परीक्षा पद्धति को भी पारदर्शी बनाने के लिए सभी विश्वविद्यालय काम शुरू करेंगे। इसे ऑनलाइन बनाना होगा। सभी विश्वविद्यालयों ने यूजीसी की गाइड लाइन का अनुपालन करने की बात कही है। इसकी नवबंर तक बनानी होगी।

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