फोटो गैलरी

Hindi Newsउमेश कच्छप मामले की सीबीआई जांच कराने की जरूरत नहीं : पुलिस

उमेश कच्छप मामले की सीबीआई जांच कराने की जरूरत नहीं : पुलिस

धनबाद के इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने गृह सचिव को पत्र लिखा है। मानवाधिकार के आईजी ने लिखा है कि मामले की जांच सीआईडी से...

उमेश कच्छप मामले की सीबीआई जांच कराने की जरूरत नहीं : पुलिस
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 22 Mar 2017 12:11 AM
ऐप पर पढ़ें

धनबाद के इंस्पेक्टर उमेश कच्छप की मौत मामले की जांच सीबीआई से कराने की जरूरत नहीं है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने गृह सचिव को पत्र लिखा है। मानवाधिकार के आईजी ने लिखा है कि मामले की जांच सीआईडी से की जा रही है। ऐसी स्थिति में सीबीआई से जांच कराने का कोई औचित्य नहीं है। इंस्पेक्टर की पत्नी चंद्रमणि कच्छप ने मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा था कि बाद में जो अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए हैं उसमें एसटी-एससी एक्ट की धाराएं नहीं लगाई गई हैं। इस मामले में डीजीपी से मंतव्य मांगा गया है।

क्या है मामला

धनबाद में तत्कालीन डीएसपी अनवारुल होदा की अगुवाई में 15-16 जून की रात तोपचांची के जीडी रोड के पास अवैध वसूली की जा रही थी। इस क्रम में एक ट्रक चालक पर फायरिंग की गई थी। जिससे चालक घायल हो गया था। गोली हरिहरपुर के थाना प्रभारी संतोष रजक ने चलाई थी। इस संबंध में तोपचांची थाना में दो मामले दर्ज किए गए थे। एक पुलिस की ओर से खलासी द्वारा फायरिंग करने का। दूसरा पीड़ित की ओर से पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध। इस मामले में तोपचांची के इंस्पेक्टर पर यह दबाव था कि पुलिस द्वारा जो गलत एफआईआर दर्ज किया गया है उसे वे सही कर दें और पीड़ित पर जो एफआईआर है उसे गलत कर दें।

मामला सीआईडी को

इस मामले की उस समय उच्चस्तरीय जांच कराई गई थी। जिसमें सीआईडी के एडीजीपी अजय कुमार सिंह और कैबिनेट सचिव कमेटी में थे। इन दोनों ने यह लिखा था कि पुलिस अधिकारी इस मामले में दोषी हैं। जब सरकार ने इस मामले की जांच सीआइडी को सौंप दी तो सीआईडी अब आरोपियों को बचाने में लग गई है। घटना के समय तत्कालीन एसडीपीओ मजरुल होदा, दारोगा संतोष रजक, आरक्षी इरफान खान, चेतलाल रजक को निलंबित कर दिया गया था।

डीआइजी की रिपोर्ट

इस मामले में रांची के तात्कालीन डीआइजी आरके धान ने जो रिपोर्ट दी उसमें दारोगा संतोष रजक पर एफआइआर दर्ज कर गिरफ्तार करने के आदेश दिया था, जो अब तक नहीं हुआ।

आयोग ने मांगी पूरी रिपोर्ट

इस पूरे मामले पर मानवाधिकार आयोग ने गृह विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी है। डीजीपी का मंतव्य मिलने के बाद रिपोर्ट विभाग को भेज दी जाएगी।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें