बीएयू में विश्व मृदा दिवस मनाया गया
अच्छी उपज के लिए अंसतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग और भूमि संरक्षण के अभाव में मृदा स्वास्थ्य की स्थिति चिंतनीय हो गई है। इसके प्रभाव से फसलों की उत्पादकता में कमी के साथ जमीन में विषैले...
अच्छी उपज के लिए अंसतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग और भूमि संरक्षण के अभाव में मृदा स्वास्थ्य की स्थिति चिंतनीय हो गई है। इसके प्रभाव से फसलों की उत्पादकता में कमी के साथ जमीन में विषैले तत्वों में बढोत्तरी हो रही है। पानी प्रदूषित हो रहा है। फसल की गुणवत्ता के साथ उपज में कमी देखी जा रही है। जानकारी देने के उद्देश्य से सरकार ने मार्च 2017 तक राज्य के करीब 80 प्रतिशत किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। खेत से मिट्टी के नमूनों संग्रह तेजी से हो रहा है। मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन तकनीक के प्रसार को प्राथमिकता दी जा रही है। राज्य सरकार हाई स्कूल की शिक्षा में कृषि विषय की जानकारी के साथ प्रयोगशालाओं में मिट्टी जांच की सुविधा पर विचार कर रही है। उक्त बातें कृषि सचिव सह प्रभारी कुलपति डॉ डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कही। वह पांच दिसंबर को आरएसी सभागार में आयोजित विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन इंडियन सोसाईटी ऑफ स्वायल साइंस की रांची चेप्टर के किया था।देश की संपत्ति हैप्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरपी सिंह रतन ने कहा कि मृदा देश की संपत्ति है। खेती में समेकित मृदा पोषक तत्व प्रबंधन को बढ़ावा देकर भूमि जल और वायु के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है। कृषि डीन डॉ राघव ठाकुर ने सीमित जमीन और बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान जरूरत को देखते हुए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। दलहन की उत्पादकता बढ़ाने पर बलसोसाइटी के अध्यक्ष डॉ डीके शाही ने बताया कि विश्व में साठ हजार मृदा वैज्ञानिकों की सहभागिता से विश्व मृदा दिवस मनाया जा रहा है। इस अभियान में मृदा को स्वस्थ्य रखने और दलहनी फसलों की उत्पादकता बढाने पर जोर दिया जा रहा है। जमीन में सूक्ष्म जीवों की कमी से मिट्टी के गुणों में प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। डॉ बीके अग्रवाल ने स्वागत और डॉ अरविंद कुमार ने धन्यवाद दिया। मौके पर सेंट जोसेफ स्कूल छात्र, कृषि संकाय के विद्यार्थी सहित डॉ जेडए हैदर, डॉ एमएस यादव, डॉ एनके राय, डॉ राकेश कुमार, डॉ एसबी कुमार, डॉ एनसी गुप्ता भी मौजूद थे।